________________
बुद्धि निधान अभय कुमार
कुछ दिनों बाद काल शौकरिक की मृत्यु हो गई। सुलस के जाति बन्धु उसे उसके पिता का स्थान लेने के लिए विवश करने लगे। उन्होंने सुलस के घर के सामने एक भैंसा बांध दिया और उसके हाथ में तलवार देकर कहा
इस भैंसे को मारकर अपने पिता का पद ग्रहण करो।
EARKHARA
भैंसे को मारना तो हिंसा है। हिंसा महापाप र है। मैं यह घोर पापकर्म
नहीं करूंगा।
अजीविका करने के लिए पाप) और पुण्य का विचार नहीं किया जाता। तुम अपनी कुल-परम्परा का पालन करो।
U
आप लोग मुझे पाप करने पर विवश कर रहे हैं। इस पाप के फल स्वरूप मुझे दुःख और पीड़ा भोगनी होगी।
दुःख, वेदना की चिन्ता मत कर। दुःख हम तुम्हारे साथ बाँट लेंगे।
31 For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org