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णमोकार मंत्र के चमत्कार एक दिन शिवकुमार ने अपनी माँ के गहने | जौहरी उन गहनों को गिरवी रखकर पैसा लेने चुराये और बाजार में जाकर जौहरी की दुकान | यशोधर के पास आया। पर बेच आया
हैं ! ये आभूषण आपके) पास कहाँ से आये?
तभी जौहरी की नजर शिवकुमार पर पड़ी।
(एक युवक बेचने आया था मैंने
उसी से खरीदे हैं।
यही है वह युवक !
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यशोधर सब कुछ समझ गया। यशोधर ने उन आभूषणों को जौहरी से वापिस खरीद लिया और घर आकर सेठानी से बोलाअब घर का चिराग ही घर को जलाने
लग गया है। हमारी आशाओं पर
हे भगवान् ! ऐसे पुत्र को पानी फिर गया।
जन्म देने के बजाय तो मेरी -कोख सूनी ही रह जाती तो।
अच्छा होता। ल
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इस घटना से यशोधर के हृदय को गहरा धक्का लगा। उसने पलंग पकड़ लिया।
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