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क्षमादान जब यह खबर राजा उदायन और प्रभावती के पास पहुंची तोआश्चर्य है! एक भी पशु की बलि माँ ने नहीं ली...?
महाराज! अब आप अपना
वचन पूर्ण कीजिये।
देखा ! मैंने कहा था न माँ, । माँ होती है.वह किसी के प्राण
नहीं ले सकती।
अवश्य महारानी! हम आज
से प्रण करते हैं कि अब राज्य में कहीं भी कोई बलि
नहीं दी जायेगी।
(UTC
राजा ने सेनापति को बुलवाकर पूरे राज्य में बलि पर प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा करवा देने को कहा
सेनापति ने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी।
सुनो ! सुनो ! सुनो ! आज से कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की बलि नहीं चढ़ायेगा और पशु-पक्षियों का शिकार नहीं खेलेगा। यदि वह ऐसा करता पाया गया तो
राजदण्ड का पात्र होगा।
AMAVASAVAVAJ
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