SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क्षमादान अगले दिन प्रातःकाल महाराज उदायन की गजशाला में हाथियों को सुस्त और ऊँघते देखकर गज पालक को बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने खोज की तो पता चला.....! अवश्य ही यहाँ अनलगिरि हाथी का आगमन हुआ होगा जिसके मद की सुगन्ध से सभी हाथी सुस्त हो गये हैं। मुझे महाराज को तुरन्त खबर करनी चाहिए। गुप्तचरों ने खोज करके राजा उदायन को सूचित किया। महाराज! कल रात उज्जयिनी के राज़ा चण्डप्रद्योत अपने अनलगिरि हाथी पर बैठकर यहाँ पधारे थे। वह आपके गजपालक ने इसकी सूचना महाराज उदायन को दी। उदायन ने अपने गुप्तचरों को बुलवाया। पता लगाया जाय कि वह अद्भुत गज यहाँ क्यों आया था? राजमहल की दासी स्वर्णगुलिका को अपने साथ भगाकर ले गये हैं। joann 2011' aaaool PU यह सुनकर उदायन अत्यन्त क्रोधित हुए। उन्होंने तुरन्त अपने दूत को उज्जयिनी भेजा 19 तुरन्त उज्जयिनी जाकर राजा चण्डप्रद्योत को हमारा संदेश दो। ty.org
SR No.002801
Book TitleKshamadan Diwakar Chitrakatha 001
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children Story, Literature, N000, & N040
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy