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आदि प्रधान संपादक : स्व. आचार्य जिनविजय मुनि प्रधान संपादक : महामहोपाध्याय प्रा. जयन्तकृष्ण हरिकृष्ण दवे,
एम. ए., एल्एल्. बी : विद्यावाचस्पति
१९८२ ]
सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ
सिंघी जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थांक ७५
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मानार्ह नियामक, भारतीय विद्या भवन
महाकवि श्री रामचन्द्रविरचित
रघुविलास नाटकम्
प्रास्ताविकम् महामहोपाध्याय प्रा. जयन्तकृष्ण हरिकृष्ण दवे
भारतीय
RICHT ARRA
भारतीय विद्या भवन, बम्बई - ४०० ००७
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| मूल्य रु. ४०
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