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________________ श्रुत्वा रामस्य भाषितम् III. 13.12b वचनम् II. 52.9ya VI. 3.ba 1.6od 19 33 12 "" 33 39 99 : :> >> " 22 " 33 1 " " ,, मुदा युक्त: VII. 41.22 "" , रावणवाक्यानि VI. 104 26e "" در " 39 "3 "3 " " " "" वानरः शापनम् VI. 76.58b रामाभिषेचनम् II. 6. rob 8.15d ?? " رو در " वस्तु समग्रम् I. 3. ta " वाक्यमुवाच ह VII. 56. rgd वाक्यविशारदः I. 2. 1b VI. 128.107b 19 रामायणमिदम् VI. 1. 8.10 ja " रामोऽब्रवीद्वाक्यम् II. 24.100 रामो महाब: VI. 17.31b लक्ष्मणभाषिता: VII. 50.9b पिस्य तत् VI. 72. 15d वचनङ्गना IV. 1. 170 वचनमब्रवीत् VII. 10. 44d वचनमद्भुतम् V. 37.30b वचनमुत्तमम् V. 64. 18b वचस्तार इदं बभाषे IV. 53.25b वचो वालिजघन्यजस्य IV. 24.24b वयं हि संभाषा II. 112.3c 33 " वानरयूथपाः IV. 57.1b " वायुसुतस्य ह VI. 18.1b वायुसुतो वच: IV. 37.16b विचित्र करुणं त्रिपम् II. 13.24c " " IV.11.20b " वाक्यं तु शर्ङ्गणः I. 45 25d महात्मनः VII. 95.2b महानृषिः I. 74.11d विदेहाधिपतिः I.09.16a विनिहृतं संख्ये VI. 68.6a Jain Education International ११५५ श्रुत्वा वसत्तमाः VII. 76. 13b विश्रवसः पुत्रः VII. 31.130 "" ور 33 ار د. " " دو 33 22 " " " " " "" " "" 33 " در در " "2 39 " "" 33 13 विगाः सहमा निपेतु: VI. 60.38d विंशतिसर्गास्तान् VII. 94.17a वैवस्वतः प्रभुः VII. 22.b व्यायाम II. 20.7d शत्रुघ्नशासनम् VII. 7.8b शत्रुनिबर्हणः VII. 851b शत्रुभिरर्दिनम् VI. 86.14b " शत्रू निपतितौ VI. 46.46d शब्दममर्षणः IV. 11.28b शानमुदाहृतम् VII. 55. 18b शुभसमन्विना II 61.6b शुभ काव्यमिदं महार्थम् VI. 128.121c शोकाभिभूतस्य VI. 69.1c गर्वितं वाक्यम् III. 1.rja सङ्ग्रामनिर्वोत्रम् VI. 83. Ic स न भविष्यति V. 13.22d सरोत्रं युधि राक्षसेन्द्रः VI. 98.25c सर्वं हनूमन: IV. 2. rgb सर्वानुदीक्ष्य तु VI. 8.6d सर्वे सभासदः II. 82.17b सीता कथं भवेत् III. 44.24d सेनापतिं प्राप्तम् VII. 11.1a स्त्रियश्च ताः सर्वाः VII. 88. 1Sc स्नेहा दुदीरितम् II. 89 6b हनुमतो वाक्यम् IV. 5. Sa " " " " "" د. " For Private & Personal Use Only 32 22 23 " "" 99 55 Ja V. 62.2c VI. 1.1а " 38 .. ,, हरिश्यानुज: VII. 741b हर्षमुपागतः VII. 89 7b 4. Ia 59.56a 7425a www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
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