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________________ वा त्वनित्रच गङ्गा I. 37.170 त्वरितविक्रमः VII. 91.4b " 33 "" 3. :" د. " ,, दशरथस्तदा I. 73.17b " 39 3. " दुःखसमन्वितम् VII. 78.26b धर्मानं वचः III 11.34d " ފ " " .. " " 3. " . " " " " .. 39 स्वमयोध्यायाम् I. 73.5a वाममाननम् IV. 8.4.5b दधिमुखस्येदम् V. 62.20a ور दधिमुखस्यैतत् V. 64.120 atra V. 63.290 د. " दशरथस्यैतत् I. 77.170 दीनस्य भाषितम् II. 62. 10b धर्मे स्थितो रामः III roic नगानां चरितम् V. 59.150 न भेतव्यमिति VII. 32.38a मृषे वाली IV. 9.6c परमति VII. 98.26a परिषदो मध्ये VII. 47.11a 106 12 93 39 :3 पापात्मनो वच: VII. 19 gb " श्रुत्वापि तन्महाराज VII. 25.27C श्रुत्वा पितामहेोचम् VII. 30. roc " नरवरश्रेष्टः I. 47 20c नरवरात्मजः I. 26.1b नरवरोरुम 11 27.2d न वि थे रामः II. ig.rc नादं द्रविष्यति VI. 57.Sc निनदमुत्तमम् I. 26.1b निनाद वित्रस्ताः VI. 61. 160 नियं गं ब्रह्मर्षेः VII. 81.16a नृपवरस्तदा I 50.6b परमतेजस्वी VII. 88 Id 104.16a 93 पुत्रं निपातितम् VI. gi.17d पुरुष: र्दूलः I. 25.1c "3 Jain Education International r श्रवपुषा VII. 71.17a पुष्ये च पुत्रस्य II. 4. 33a ,, पूजामकल्पयत् I. 69.7 d पैतामहं वधम् I. 42.5b प्रतिभयं तदा VI. 71.49b प्रदक्षिणं कृत्वा II. 110.220 " 23 " " " " " .. " " "3 " " " " " "" 99 12 ,, मधुग्भवं च IV. 4. 1c माल्यवतो वच: VII. 6.3gb मुनिरस्तूर्णम् VII. gogc मुनिवर: प्रभु: VII. 105 12b श्रुत्वामृतमयं यथा VII. 75.1b 83.16b 99 3 श्रुत्वा मे देवदेवस्य VII. 14.17a यात्रा समाज्ञप्ताम् II. 82. 24 c यान्तु यथामुखम् IV. 11.55b राक्षसशार्दूलः VI. 67.570 राघवभाषितम् VII. 107.5b राजानमागतम् I. 11.5d राज्ञेऽथ तद्वाक्यम् I. 11.6a रात्रिर्जगामाशु VII. 72.20 राम उवाच ह VIl. 1035b " , रामस्य केकयी II. 19.1ab 73 " " " 21 प्रमाणं काकुत्स्थ VII. 61.21c तत्र लम् II. 4.7c ور " प्रत्रजित माँहि II. 97. 1oa प्रव्यथिताभवत् VI. 116.rd प्राप्तान्मुम्तांस्तु VII. 1. 12a प्रेतिमुपागता V. 59.2gb प्रीतोऽस्य राघवः VII. 1or isd gfanat at VI. 17.68d भरतभाषितम् II. 85.11b भरतशासनम् II. 8g.8b भर्तुर्वचो घोरम् VI. 116.20 भातृव कोपात् V. 35 63a भेर्या महास्वनम् VI. 33.20b For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
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