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________________ १५५६ पर्मशास्त्र का इतिहास शास्त्र पर एक बृहत् निबन्ध । बीकानेर (पृ० ४७६) स्थावरप्राणप्रतिष्ठा। के कैटलाग में केवल व्रतखण्ड ही मिलता है। स्थिरलिङ्गप्रतिष्ठा। सूर्याविपञ्चायतनप्रतिष्ठापडति-भारद्वाज महादेव के स्नानविधिसूत्रपरिशिष्ट--(या स्नानसूत्र या त्रिकण्डिका पुत्र दिवाकर द्वारा। सूर्य, शिव, गणेश, दुर्गा एवं सूत्र) कात्यायन द्वारा। टी० स्नानसूत्रपद्धति, कर्क विष्णु की मूर्ति स्थापना पर। द्वारा। टी० स्नानसूत्रदीपिका, महादेव के पुत्र सूर्यार्घ्यदानपद्धति-महादेवभट्ट द्वारा। गोपीनाथ द्वारा। टीका की टीका, कृष्णनाथ द्वारा। सूर्यार्घ्यदानपद्धति-रामेश्वर के पुत्र माधव द्वारा। टी० छाग याज्ञिकचक्रचूडाचिन्तामणि द्वारा। टी. लग० १५२०-१५८० ई०।। त्रिमल्लतनय (केशव ?) द्वारा। टी. महादेव द्विवेदी सूर्यार्णवकर्मविपाक-अलवर (सं० २९३); बम्बई में द्वारा (नो० भाग ७, पृ० ३०४)। टी० स्नानपद्धति मुद्रित। या स्नानविधिपद्धति, याज्ञिकदेव द्वारा। टी० स्नानसूर्योदयनिबन्ध--नारायण की धर्मप्रवृत्ति में व०। सूत्रपद्धति, हरिजीवन मिश्र द्वारा, लेखक का कथन है सेतुयात्राविधि। कि उसने इस ग्रन्थ में अपने भाष्य का आधार लिया सोदकुम्भश्राद। है। टी० स्नानव्याख्या एवं पद्धति, अग्निहोत्री सोमनायीय-नित्तल कुल के सूरभट्ट-पुत्र एवं वेंकटाद्रि- हरिहर द्वारा। यज्वा के लघु भ्राता सोमनाथभट्ट द्वारा। स्मार्तकर्मानुष्ठानक्रमविवरण-चण्डूक द्वारा (बड़ोदा, सोमवारवतोबापन। २९६, संवत् १५९३)। सोमवारामावास्यव्रतकालनिर्णय । स्मार्तकुतूहल। सोमशेखर-(निबन्ध) रघु० के मलमासतत्त्व में एवं स्मार्तगंगाधरी--गंगाधर द्वारा (से० प्रा० संख्या सरस्वतीविलास (मैसूर संस्करण, पृ०४२२) में व०। ६७१०)। दायभाग पर सोमशेखर का उद्धरण है। स्मातदिनमणि-मैसूर गवर्नमेण्ट पाण्डु० (पृ० ७५) । सौभाग्यकल्पद्रुम-अच्युत द्वारा (बड़ोदा, १९०३)। स्मातंदीपिका--अज्ञात। आश्वलायन के आधार पर। स्त्रीषननिर्णय। बर्नेल (तंजौर कैटलाग, १३९ ए)। स्त्रीषनप्रकरण। स्मार्तपदार्थसंग्रह--गंगाधर की प्रयोगपद्धति से। स्त्रीधर्मकमलाकर-कमलाकरभट्ट द्वारा। विवादताण्डव स्मार्तपदार्थानुक्रमणिका-द्वैपायनाचार्य द्वारा (बड़ोदा, __ में व०। स्त्रीधर्मपद्धति--त्र्यम्बक द्वारा। स्मार्तपरिभाषा-कृष्णपण्डित के सन्ध्याभाष्य में व०। स्त्रीपुनरुद्वाहखण्डनमालिका--राघवेन्द्र द्वारा। स्मार्तप्रदीपिका--मैसूर गवर्नमेण्ट पाण्डु० (पृ० ७५)। स्त्री-शूद्रदिनचर्या। स्मार्तप्रयोग--बोपण्ण भट्ट द्वारा। स्थालीपाक-(आपस्तम्बीय)। स्मार्तप्रयोग--(हिरण्यकेशीय) टीका वैजयन्ती। स्थालीपाक-(आश्वलायनीय)। स्मार्तप्रयोगकारिका। स्थालीपाकनिर्णय। स्मार्तप्रायश्चित्त-बालम्भट्ट के पुत्र समभट्ट-तनूज स्थालीपाकप्रयोग-(आश्वलायनीय)। तिप्पाभट्ट (उप० गहर) द्वारा। स्थालीपाकप्रयोग--कमलाकर द्वारा। नो० न्यू० (भाग स्मार्तप्रायश्चित्तप्रयोग-(या प्रायश्चित्तोद्धार) रामेश्वर ___३, पृ० २३६)। के पुत्र महादेवात्मज दिवाकर (उपाधि काल या स्थालीपाकप्रयोग-नारायण द्वारा। काले) द्वारा। यह कमलाकरभट्ट के पिता रामकृष्ण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002791
Book TitleDharmshastra ka Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPandurang V Kane
PublisherHindi Bhavan Lakhnou
Publication Year1973
Total Pages652
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size20 MB
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