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धर्मशास्त्रीय प्रन्यसूची
काशीप्रकाश - नन्द पण्डित द्वारा । दे० प्रक० १०५ । काशी मरणमुक्तिविचार -- नारायणभट्ट द्वारा । काशीमाहात्म्यकौमुदी -- रघुनाथदास द्वारा । काशीमुक्तिप्रकाशिका |
काशीमृतिमोक्षनिर्णय -- (या काशी मोक्ष निर्णय ) सुरेश्वरा - कुण्डगणपति ।
चार्य द्वारा । काशीमृतिमोक्षनिर्णय-- विश्वनाथाचार्य द्वारा । काशीरहस्यप्रकाश नारायण के पुत्र राम भट्टात्मज नारायण द्वारा । कामदेव की आज्ञा से राजनगर में प्रणीत ।
जिल्द
काश्यपधर्मशास्त्र -- दे० प्रक० १९ ( इण्डि० आ०, ' ३, पृ० ३८४, सं० १३१७) । कीर्तिचन्द्रोदय -- अकबर के शासन काल में (लग० १६ वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ) चूहडमल्ल की संरक्षकता में दामोदरपण्डित द्वारा ।
कीर्तितत्त्व |
कीर्तिप्रकाश-- विष्णुशर्मा द्वारा । दे० 'समय प्रकाश' (इण्डि० ऑ, पृ०५३८, सं० १६८२ ) । कुण्डकल्पद्रुम ----व्यास नारायणात्मज कूक के पुत्र माधवशुक्ल द्वारा। शक सं० १५७७ (१६५५-५६ ई०) में प्रणीत । काश्यपगोत्र के उदीच्यब्राह्मण । कुण्डतत्त्वप्रदीप, कुण्डशिरोमणि, कुण्डसिद्धि, विश्वनाथ का उल्लेख है। १८७९ ई० में बनारस में मुद्रित । टीका लेखक द्वारा ।
कुण्डकल्पलता -- रामकृष्णात्मज पुरुषोत्तम के पुत्र दुराज द्वारा । ये राम पण्डित के शिष्य एवं नन्द पण्डित के पिता थे । लग० १६०० ई० । कुण्डकारिका - भट्ट लक्ष्मीधर द्वारा । कुण्डकौमुदी -- ( या कुण्डमण्डपकौमुदी ) शम्भु के पुत्र विश्वनाथ द्वारा (यह कुण्ड रत्नाकर के लेखक विश्वनाथ से भिन्न । इसमें मदनरत्न एवं रूपनारायण का उल्लेख है और इसका मण्डपकुण्डसिद्धि में उल्लेख है, अतः इसकी तिथि १५२०-१६०० के बीच में है। टी० लेखक द्वारा ।
त्रयम्बक के पुत्र शिवसूरि द्वारा। टी०
कुण्डकौमुदी -- १२०
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कुण्डलोक, लेखक द्वारा दे० हुल्श (सं० ३, पृ० ५ एवं ८० ); इसमें कौस्तुभः मयूख, कुण्डसिद्धि एवं राम वाजपेयी का उल्लेख है, अतः तिथि १६८० ई० के पश्चात् है।
कुण्डचमत्कृति-- टी० त्र्यम्बक के पुत्र शिवसूरि-सुत एवं महाजन कुल के वासुदेव द्वारा । कुण्डतस्वप्रकाश-- ( या प्रकाशिका) रामानन्दतीर्थ द्वारा । कुण्डतत्त्वप्रदीप -- वत्स गोत्रज स्थावर के पुत्र बलभद्रसूरि शुक्ल द्वारा; सन् १६२३ ई० में स्तम्भतीर्थं (खम्भात ) में प्रणीत । इसमें १६४ श्लोक 3 टी० लेखक द्वारा सन् १६३२ ई० में; दे० ड० का० ( सं० २०४, १८८४-८७ )
कुण्डदिक्पाल - बाबाजी पाद्धे द्वारा। टी० लेखक द्वारा । कुण्डनिर्माणश्लोक -- नैमिषारण्य के निवासी राम
वाजपेयी द्वारा; सं० १५०६ (१४४९-५० ई० ) में प्रणीत । टी० लेखक द्वारा । कुण्डनिर्माणश्लोकदीपिका -- मणिरामदीक्षित द्वारा । कुण्डपद्धति -- नागोजिभट्ट द्वारा ।
कुण्डपरिमाण - अज्ञात (बी० बी० आर० ए० एस्०, पृ० १३८ ) ।
कुण्डप्रकाश -- तोरो कुल ( प्रतापनारसिंह द्वारा ) जात
नारायण के पुत्र रुद्रदेव द्वारा । दे० अलवर (२९९) । लग० १७१० ई० । कुण्डप्रदीप-कान्हजिद्वाडव के पुत्र महादेव राजगुरु द्वारा २१ श्लोकों में । टो० लेखक द्वारा; कामिक उ० है । कुण्डप्रदीप --- कान्हजित् के पुत्र एवं हैवतराज के गुरु
महादेव राजगुरु द्वारा । शार्दूलविक्रीडित, स्रग्धरा एवं अनुष्टुप् छन्दों में २० सुन्दर श्लोक । टी० लेखक की ।
कुण्डप्रबन्ध --- बलभद्र के पुत्र कालिदास द्वारा; ७३
श्लोकों में । सन् १६३२ ई० (शक सं० १५४४) में प्रणीत । ड० का ० ( पाण्डु० सं० ४२, १८८२-८३ ई० ) ।
कुण्डभास्कर -- दे० कुण्डोद्द्योतदर्शन ।
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