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________________ धर्मशास्त्रीय ग्रन्थ-सूची अंशबलि-व्यक्ति की जन्मराशि के किसी अंश की अघपञ्चविवेचन----मथुरानाथ द्वारा रचित । शान्ति करने वाले कृत्यों का ग्रन्थ । __ अघपञ्चषष्टि----मथुरानाथ द्वारा (६५ श्लोकों में)। अकालभास्कर--शम्भनाथ सिद्धान्तवागीश द्वारा शकाब्द अघपञ्चषष्टि-कौशिक गोत्र के बीथि (षि-या-जि १६३६ में प्रणीत । मलमासों पर, उनकी गणना एवं नाथ) द्वारा। रामचन्द्र बुध द्वारा स्मृतिसिद्धान्तउनमें किये जाने वाले विशिष्ट कर्मों पर। सुधा टीका। अक्षमालाप्रतिष्ठा। . अघप्रकाशिका--(दो खण्डों में)। अलगडाव-ले. अखण्ड (?), वेंकटनाथ के स्मृति- अघप्रदीप। रत्नाकर में वर्णित । धर्म एवं व्यवहार के खण्डों अघप्रदीपिका-याज्ञवल्क्य द्वारा रचित कही जाती है। में विभाजित। अघवाडव या दानसार--विश्वेश्वर भट्ट द्वारा (बडोदा, अगस्त्य या अगस्तिसंहिता--जीमूतवाहन के काल- संख्या ७१२९, टी०) । विवेक में तथा अपरार्क में व०। अघविमोचन। अग्निकार्य। अघविवेक--भारद्वाज गोत्र के अप्पयदीक्षित अद्वैताचार्य अग्निकार्यपद्धति। के पुत्र नीलकण्ठ दीक्षित द्वारा (छ: प्रकरणों में)। अग्निनिर्णय-ले. कमलाकर। अघविवेचन-भारद्वाज कुल के अनन्त-पुत्र रामचन्द्र द्वारा अग्निसंघानवचन---औपासन के आह्निक सम्पादन के (दो परिच्छेदों में) । टी० मुक्ताफल की ओर संकेत छूट जाने पर किये जाने वाले कृत्यों पर। करती है। रुचिदत्त द्वारा टी०। अग्निस्थापन। अधशतक। अग्निहोत्रकर्म। अघषट्क। अग्निहोत्रमन्त्रार्थचन्द्रिका--ले. वैद्यनाथ (विठ्ठलात्मज अघसंशयतिमिरादित्यसूत्र। रामचन्द्र का पुत्र, लगभग १६८३ ई०)। अघसंग्रह। अग्निहोत्रिवाहविधि। अघसंग्रहवीपिका-(हुल्श, संख्या २७०)। अधदीपिका। अंकुरार्पणप्रयोग--(नारायण भट्ट के प्रयोगरत्न से)। अघनिर्णय--सरस्वतीवल्लभात्मज रंगनाथ के पुत्र अंकुरार्पणविषि-(पंचरात्रागम से)। वेंकटेश द्वारा लिखित; अन्य नाम-विज्ञानेश्वर, अंकुरार्पणविधि-(शारदातिलक से)। अखण्ड, स्मृत्यर्थसार, वरदराज । ले० द्वारा टीका, अंगिरा-कुलमणि शुक्ल द्वारा टी। दे० प्रक० रामानुज यज्वा की टी० दीपिका। वैदिकसार्व- ३९। भीम द्वारा टीका (सम्भवतः यह लेखक की टीका अचलनिबन्ध । अणुछलारीय-शेषाचार्य द्वारा। अघनिर्णय--वसिष्ठ गोत के वीरराघव द्वारा रचित। अण्णादीक्षितीय-अण्णादीक्षित द्वारा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002791
Book TitleDharmshastra ka Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPandurang V Kane
PublisherHindi Bhavan Lakhnou
Publication Year1973
Total Pages652
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size20 MB
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