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________________ १०४२ धर्मशास्त्र का इतिहास से एवं तपस्वी ब्राह्मणों के दर्शनों से पाप-मुक्त हो जाता है, और समुद्र में मिलनेवाली नदियाँ, सभी महान् पर्वत, मन्दिर एवं वन पवित्र हैं।" मत्स्यपुराण (१८४।१८) ने कहा है कि मेरु या मन्दर नामक पर्वत से भी भारी पाप की गठरी अविमुक्त (वाराणसी) में पहुंचने से कट जाती है। कूर्मपुराण (पूर्वार्ध, २९।३) का कथन है-"मैं कलियुग में सभी जीवों के पापों के नाश के लिए वाराणसी से बढ़कर कोई अन्य प्रायश्चित्त नहीं देखता।" पेशवाओं के राज्य काल में भी ब्रह्महत्या के लिए तीर्थयात्रा की व्यवस्था थी और यह कहा गया था कि इस प्रायश्चित्त के उपरान्त ब्राह्मणों को हत्यारे के साथ भोजन करना चाहिए और उसे पवित्र समझना चाहिए (सेलेक्शन फ्राम पेशवा रेकर्ड्स, जिल्द ४३, पृ० १०७)। और देखिए राजवाड़े खण्ड (६, पत्र ११३, पृ० २२५)। स्मृत्यर्थसार (पृ० १४९-१५०) में आया है कि पुराणों से पता चलता है कि ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव जैसे देवों; भृगु, वसिष्ठ एवं विश्वामित्र जैसे महान ऋषियों; हरिश्चन्द्र, नल एवं सगर जैसे राजाओं ने तीर्थों द्वारा ही इतनी महत्ता प्राप्त की; पाण्डवों, कृष्ण ने तथा नारद, व्यास आदि ऋषियों मे राज्य-प्राप्ति एवं पापमोचन के लिए तीर्थयात्राएँ की थीं। हम तीर्थों के विषय में अलग से एक विभाग में लिखेंगे। विन्ध्यादुत्तरतो यस्य निवासः परिकीर्तितः। पराशरमतं तस्य सेतुबन्धस्य दर्शनम् ॥ इति। ....अत्र च विन्ध्योत्तरवर्तिनः षष्टयधिकशतत्रययोजनगमनेन तावत्संख्याकप्राजापत्यापनोवब्रह्महत्यापनोदोक्तेस्तीर्थानुकूलककयोजनगमनस्पैकैकप्राजापत्यतुल्यत्वमर्थादुक्तं भवति।" १३. नान्यत्पश्यामि जन्तूनां मुक्त्या वाराणसी पुरीम् । सर्वपापप्रशमनं प्रायश्चित्तं कलौ युगे॥ कूर्मपुराण (पूर्वार्ष, २९।३, परा० मा० २, २, पृ० १६२)। अभिसंगम्य तीर्थानि पुण्यान्यायतनानि च। नरः पापात्प्रमुच्येत ब्राह्मणांश्च तपस्विनः॥ सर्वाः समुद्रगाः पुण्याः सर्वे पुण्या नगोत्तमाः। सर्वमायतनं पुण्यं सर्वे पुण्या वनाश्रयाः॥ देवक (परा० मा० २१२, पृ० २०१; प्रा० प्रकाश)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002791
Book TitleDharmshastra ka Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPandurang V Kane
PublisherHindi Bhavan Lakhnou
Publication Year1973
Total Pages652
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size20 MB
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