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________________ निर्भर हैं, जो ठीक नहीं जँचता । आश्चर्य है, दे ( पृ० १३) अश्मन्वती को भी 'आक्सस' कहते हैं ! चक्षुस्तीर्थ -- ( गोदावरी के दक्षिणी तट पर ) ब्रह्म ० १७०।१। चञ्चला -- (ऋक्षवान् पर्वत से निकलनेवाली एक नदी ) मत्स्य० ११४।२६ । चण्डवेगा -- ( पितरों के लिए पुनीत एक नदी ) मत्स्य० २२।२८ । चण्डवे गासम्भेद -- मत्स्य० २२ २८, कूर्म० २।४४।१६, पद्म० ६।१३१।६७ । चण्डेश-- ( साभ्रमती के अन्तर्गत ) पद्म० तीर्यसूची ६।१६२१ १ । चण्डिकेश्वर - - लिंग० ११९२।१६६, वाम० ५१।५० । चतुःसमुद्र - ( वारा० के अन्तर्गत एक कूप) लिंग० ( ती० क०, पृ० ८९ ) । चतुःसामुद्रिक - ( मथुरा के अन्तर्गत एक कूप) वराह० १५८।४१ । चतुः स्रोत -- ( बदरी के अन्तर्गत ) वराह० १४१ । १७ । चतुर्मुख -- ( सरस्वती के अन्तर्गत ) वाम० ४२।२८ | चतुर्थेश्वर - ( वारा० के अन्तर्गत ) नारदीय० २।४९/६५ । - चतुर्वेदेश्वर -- ( वारा० के अन्तर्गत ) स्कन्द०, काशीखण्ड Jain Education International ३३।१३० । चन्द्रतीर्थ --- (१) (कावेरी के उद्गम स्थल पर ) कूर्म ० २|३७|२३; (२) ( वारा० के अन्तर्गत ) पद्म० १३७१७, कूर्म० १।३५।११ ( ३ ) ( नर्मदा के अन्तर्गत ) मत्स्य ० १८३।७५, कूर्म ० २२४२/१५, ब्रह्माण्ड० ३।१३।२८ | चन्द्रवर्षा --- (नदी) वन० १९११८ । चन्द्रवती -- (नदी, कश्मीर में ) नीलमत० ३१० ( दिति यह नदी हुई थी जैसे कि यमुना वितस्ता हो गयी थी ) । चन्द्रभागा-- - (१) हिमालय से यह दो धाराओं में निकलती है, एक को 'चन्द्रा' (जो १६००० फुट ऊँचाई १४३३ पर बार लाछ के दक्षिण-पूर्व हिम-स्थल से निकलती है) और दूसरी को 'भागा' (जो दर्रे के उत्तरपश्चिम भाग से निकलती है) कहते हैं। दोनों तण्डी के पास संयुक्त हो जाती हैं और मिलित धारा चन्द्रभागा या चिनाब कहलाती है । पंजाब की पाँच नदियाँ हैं - वितस्ता (झेलम या यूनानी लेखकों की हाइस्पीस ), विपाशा ( ब्यास, युनानी लेखकों की हाइसिस), शतद्रु (सतलज), चन्द्रभागा ( चिनाब ) एवं इरावती । मिलिन्द - प्रश्न (एस० बी० ई०, जिल्द ३५, पृ० १७१ ) में चन्द्रभागा भारत की दस बड़ी नदियों में एक कही गयी है । वि० ध० सू० ८५१४९, सभा० ९।१९, मत्स्य० १३।४९, अनु० २५७, नारदीय० २२६०/३०, नीलमत० १५९ एवं १६२, ह० चि० १२।४४ । देखिए 'असिक्नी'; (२) ( नर्मदा के अन्तर्गत ) मत्स्य० १९१/६४, कूर्म ० २।४१।३५, पद्म० १।१८।६१; (३) (ताप्ती से मिल जाती है) पद्म० ६ ७०९४४; (४) (जो साभ्रमती से मिलती है) पद्म ० ६।१४८।१२, १४९।१; (५) ( भीमा, जो कृष्णा की एक सहायक नदी है) । चन्द्रमस्तीर्थ -- (आर्चीक पर्वत पर ) वन० १२५ | १७ | चन्द्रपद -- ( गया के अन्तर्गत ) ब्रह्माण्ड० ३।४७/१८-१९ । चन्द्रपुर - ( कश्मीर का एक नगर ) नीलमत० ११३८ एवं ११५६-११५७ ( महापद्म नाग ने इसे डुबो दिया और उसके स्थान पर एक योजन लम्बीचौड़ी झील बन गयी ) । चन्द्रेश्वर-- ( १ ) ( चन्द्रभागा नदी पर एवं दूधेश्वर के पूर्व में, साभ्रमती पर) पद्म ६।१३९।१; (२) ( वारा० के अन्तर्गत) लिंग० (ती० क०, पृ० ४९) । चन्द्रिका --- ( चन्द्रभागा नदी, आधुनिक चिनाब ) मत्स्य ० २२।६३ । चमत्कारपुर -- ( आधुनिक अहमदाबाद जिले का आनन्दपुर) स्कन्द० ६, अध्याय १-१३ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002791
Book TitleDharmshastra ka Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPandurang V Kane
PublisherHindi Bhavan Lakhnou
Publication Year1973
Total Pages652
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size20 MB
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