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________________ ७७ १-६६ वृद्ध हारीत स्मृति ७. नानाविधोत्सव विधानवर्णनम् : ११६६ नारायण इष्टी, वासुदेव इष्टी, गारुड़ इष्टी, वैष्णवी इष्टी, वैयुही इष्टी. वैभवी इष्टी पाद्मी इष्टी, पवमानिका इष्टी और इनके मन्त्र तथा यज्ञ पुरुष, द्रव्य यज्ञ, तपोयज्ञ, योगयज्ञ, स्वाध्याय, ज्ञान यज्ञ, यज्ञ की वेदी बनाना उनके मन्त्र आदि के वर्णन कृष्ण पक्ष की एकादशी में उपवास, व्रत, रात्रि जागरण और द्वादशी को द्वादशाक्षर मंत्र का जप, भगवान् का पूजन, देवषियों के तर्पण का विधान बताया है। ७०-६० वैष्णवी इष्टी (यज्ञ) का विधान, उनके मन्त्र, उनकी सामग्री और वैष्णव गायत्री का जप बताया है ६१-१०५ शुक्लपक्ष की द्वादशी, संक्रान्ति और ग्रहण के समय संकर्षणादि की मूर्ति, वासुदेव की मूर्ति का पूजन और किस प्रकार किस देवता की मूर्ति बनाना तथा पूजन यह वैष्णवी यज्ञ जो विष्णु भक्त न करे उसको पाप । इसमें कहां पर किस देवता की स्थापना करनी चाहिए । शुक्लपक्ष की शुक्रवारीय द्वादशी को पाद्मी इष्टी, इसमें भगवान का उत्सव और उसका माहात्म्य, जलशायी भगवान् का पूजन और इनके मन्त्र हैं । दोलयात्रा उत्सव का वर्णन है। भगवान का विशेष प्रकार से पूजन, भोग और कीर्तन, रथयात्रा का वर्णन आया है १०६-३२६ ८. विष्णु पूजा विधिवर्णनम् : १२०१ विष्णु की पूजा की विधि वेद के मन्त्रों से बताई गई है। १-६० पौराणिक तथा स्मृति के मन्त्रों से भगवान् विष्णु का पूजन और नवधा भक्ति का वर्णन, ध्यान जप. मन्त्र जप का वर्णन तप्तचक्रांक धारण का माहात्म्य और वैष्णव धर्म वालों की प्रशस्ति बताई है। "दानं बमः तपः शौचं आजवं शान्तिरेव च आनुशंसं सतां संग पारमकान्त्य हेतवः । वैष्णवः परमेकान्तो नेतरो वैष्णवःस्मतः ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002787
Book TitleSmruti Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagsharan Sinh
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1993
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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