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५-२०
मनुस्मृति अभक्ष्य (जिन चीजों का भोजन नहीं करना चाहिए उनका वर्णन) आमिष खाने का दोष
भल्याभक्ष्य वर्णनम् : ८६ योऽत्ति यस्य यदा मांसमुभयोः पश्यतान्तरम् ।
एकस्य क्षणिका प्रीतिरन्यः प्राविमुच्यते ॥ हिंसा-निषध और आमिष खाने का पाप
४५-५० जो मांस नहीं खाता है उसको अश्वमेध का फल
५३-५४ प्रेत-शुधि वर्णनम् : ६० अशोष (सूतक)
५८-७८ सूतक में कोई काम न करने का वर्णन जिन पर अशोच नहीं लगता है उनका वर्णन
६३-६५ द्रव्य-शुद्धि वर्णनम् : ६५ परम शुद्धि
१०६-१११ शरीर-शुद्धि वर्णनम् : ६७ अशुद्धि
१३३ मार्जन से शुद्धि करने की विधि
१३५ जूठन से शुद्धि
१४०-१४१ स्त्री-धर्म वर्णनम् : ६६ सवा प्रहृष्टया भाव्यं गृहकार्येषु दक्षया ।
सुसंस्कृतोपस्करया व्यये चामुक्तहस्तया ॥ पतिव्रता स्त्रियों का माहात्म्य
१५४-१६६ ५० वर्ष की उम्र तक गृहस्थाश्रम
६. वानप्रस्थाश्रम वर्णनम् : १०१ वानप्रस्थाश्रम जब पौत्र हो जाय तब वन में निवास करे बानप्रस्थाश्रमी के नियम । मुन्यन्न शाक-पात से हवन करने का निर्देश वानप्रस्थ के रहन-सहन के नियम
६-३२ बायु के तृतीय भाग समाप्त कर संन्यासाश्रम का निर्देश
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