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वृहद पाराशर स्मृति
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दान लेने और देने की शास्त्रोक्त विधि का वर्णन सत्पात्र को दान देना चाहिए परोक्ष दान के महान् पुण्य दानार्थ गौलक्षण वर्णनम् : गोदान का वर्णन, कैसी गौ दान के लिए होनी चाहिए दान में तौल वर्णन, और गौ का दान अक्षय फल १६ प्रकार के वृथा दान
दानग्राह्य पुरुषलक्षण वर्णनम् : ८६७ दातव्य वस्तु के दान का माहात्म्य, किसको कैसा दान देना व लेना, उसकी विधि, अन्य दान की विधि, प्रतिग्रह लेने पर विशेष विधि, अश्व दान का विशेष विधान, अश्व दान लेने की विधि
माहात्म्य
अक्षय दान का माहात्म्य
सूर्य, ब्रह्मा आदि देवों के मन्दिरों का निर्माण तथा जीर्णोद्धार
विधि
कूप तड़ागावि कोति महत्त्ववर्णनम् : ६०१
कूप बावड़ी तालाब आदि बनाने का माहात्म्य
पीपल, उदुम्बर, वट, आम, जामुन, निम्ब, खजूर, नारियल आदि भिन्न-भिन्न जाति के वृक्ष लगाने का माहात्म्य
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मास, पक्ष, तिथि विशेषण दान महत्त्व वर्णनम् : ८६८ श्रावण शुक्ला द्वादशी को गोदान का माहात्म्य पौष शुक्ला द्वादशी को घृतधेनु का विधान माघ शुक्ला द्वादशी को तिलधेनु का विधान ज्येष्ठ शुक्ला द्वादशी को जलधेनु का विधान काल, पात्र, देश में दान का माहात्म्य ग्रहण काल में दिया हुआ दान अक्षय होता है
३४७-३४६
३५०-३५२
वैशाख, आषाढ़, कार्तिक, फाल्गुन की पूर्णिमा को दान का माहात्म्य ३५३-३५४
तुला संक्रान्ति, मेष संक्रान्ति में प्रयाग में दान का माहात्म्य
३५५
मिथुन कन्या, धनु, मीन संक्रान्ति में भास्कर तीर्थ में दान का
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२८३-२८६
२६०.३००
३०१-३०६
३०७-३१३
३१४-३२३
३२४-३४१
३४३
३४४
३४५
३४६
३५६-३५८ ३५६
३६०-३६८
३६६-३७४
३७५-३७८
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