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मनुस्मृति
१. सृष्टियुत्पत्ति वर्णनम्
विषय
श्लोक
१-८
सृष्टि की रचना का वर्णन, जल से सृष्टि की रचना हुई सर्वप्रथम मरीचि, अत्रि, अङ्गिरा आदि सप्तर्षि, देवता, यक्ष,
राक्षस, गन्धर्व, पिशाचादि की उत्पत्ति जरायुज, अण्डज्ज, उद्भिज, स्वेदज, वनस्पति आदि की उत्पत्ति समय का वर्णन चार वर्ण और उनके कर्म आचार-वर्णन
३७-४१ ४२-४७ ६४-७४
८७-६१ १०८-१११
२. धर्मतत्त्वविचारवर्णनम् : १२ धर्म का वर्णन और धर्म का स्वरूप
१-१२ अर्थ और काम में जिसकी आसक्ति न हो वही धर्म को समझ सकते हैं और धर्म के जिज्ञासुओं को वेद से प्रमाण लेना चाहिए ३-१७
ब्रह्मचर्य वर्णनम् : १५ देश और परम्परा के अनुरूप आचार द्विजातियों के दस संस्कार का वर्णन, गर्भाधान मे उपनयन तक २६-७७
कर्तव्याकर्तव्य वर्णनम् : २१ सन्ध्या और गायत्री का महत्त्व
१०१-१०४ स्वाध्याय की विधि
१०७-११५ विद्या फल का अधिकारी
१५६-१६२ विद्यार्थी और ब्रह्मचारी
१७३-२२१
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