SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दक्षस्मृति ३३ दान, उपवास ब्राह्मणभोजन गायत्री मन्त्र जप तथा प्राणायाम : ५६७ उपवास व्रत, ब्राह्मण भोजन कराने की तिथियां २०३ गायत्री जप, प्राणायामादि २०४-२२७ दक्षस्मृति १. आश्रमवर्णनम् : ५६६ बाल्यकाल में भक्ष्याभक्ष्य का दोष नहीं होता उपनयन संस्कार नियमाचरण २. ब्राह्ममुहूर्ताद्दिनचर्य्याकृत्य, वैदिक कर्म तथा गृहस्थाश्रमगुणवर्णनम् : ५७१ उषा - काल से दिन पर्यन्त कार्यक्रम का विधान दैनिक कार्य की सूची उषा काल में स्नान सन्ध्या का माहात्म्य, सन्ध्या उपस्थान वर्णन हवन ब्रह्मयज्ञ का समय दूसरों को भोजन देने से मनुष्यता होती है स्नान के प्रकार सुख का साधन : धर्म और चरित्र गृहस्थ के कर्म जिसके अनुसार चलने से गृहस्थाश्रमी उच्च कहलाने योग्य हो ३७-५६ ३. गृहस्थीनां नवकर्मविधानं सुखासाधन धर्म वर्णनम् : ५७६ गृहस्थी के नव कर्म नवविकर्म ४. स्त्रीधर्मवर्णनम् : ५८१ सद्गृहस्थी पति पत्नी का धार्मिक प्रेम स्वर्ग सुखवत् है ५. बाह्याभ्यन्तर शौचवर्णनम् : ५८३ शौच की परिभाषा तथा वाह्य एवं आभ्यन्तर शौच का वर्णन हाथ पैर पर कितने बार मृत्तिका जल देवें, तथा अंग प्रक्षालन ६. जन्ममरणाशौचं समाधियोग वर्णनम् : ५८७ जन्म मरण का अशौच काल Jain Education International १-५ ६-१४ १-१० ११-१६ २०-३० ३०-३५ ३६ For Private & Personal Use Only १-६ १०-१६ २०-३२ १-२१ १४- ५४ ७. इन्द्रियनिग्रह अध्यात्मयोगसाधन तथा द्वैतानुभवाद्योग : ५८६ इन्द्रियों पर विजय १ अध्यात्म योग साधन और अद्वैत अनुभव से ही योग का विकास २-५४ १-३ ४-१३ www.jainelibrary.org
SR No.002787
Book TitleSmruti Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagsharan Sinh
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1993
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy