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________________ अत्रिसंहिता भिक्षुक की परिभाषा महापातकियों की गणना शुद्धिप्रकरणम् : ३६७ विभिन्न पापों का प्रायश्चित और शुद्धि का पृथक् वर्णन शुद्धिस्पर्शादि प्रायश्चित्तम् : ३७१ कृच्छ्र व्रत और शौच के विभिन्न प्रकार पतित अन्न चाण्डाल अन्न, कन्या अन्न, राजान्न भक्षण दोष वर्णन श्राद्ध में भोजन शुद्धि वर्णन अंगुली से दातौन का निषेध शौच, मैथुन, स्नान, भोजन में मौन रखना ३७३ प्रायश्चित्तम् : २३२ चाण्डालका जल पीने से पञ्चगव्य से शुद्धि जल शुद्धि का वर्णन २३७ रजस्वला स्पर्श, भिन्न-भिन्न पापों का प्रायश्चित्त एवं अशौच वर्णन २३८- २८० स्पर्शास्पर्श एवं उच्छिष्ट भोजन का वर्णन २८२-२६० उर्ध्वमुखी गोदान माहात्म्य विद्यादान माहात्म्य दानपात्र का वर्णन दान फल वर्णनम् : ३८२ Jain Education International श्राद्धफलवर्णनम् : ३८४ श्राद्ध में भोजन कराने योग्य ब्राह्मणों का वर्णन श्राद्ध करने का माहात्म्य, न करने से पाप श्राद्ध माहात्म्य एवं श्राद्ध का समय १ १६५ १६६ १६७-२०६ For Private & Personal Use Only २०६ - २०६ निन्द्यब्राह्मण वर्जनवर्णनम् : ३८६ ब्राह्मण की संज्ञा देव ब्राह्मण, विप्र ब्राह्मण, शूद्र ब्राह्मण, म्लेच्छ ब्राह्मण, विप्र चाण्डाल आदि श्राद्ध में वर्ज्य ब्राह्मण २६१-३०५ ३०६-३१० ३१४ ३२१ २३१ ३३७-३३८ ३३६-३४१ ३४२-३५४ ३५५-३६० ३६१-३६८ ३७२-३८० ३८४ www.jainelibrary.org
SR No.002787
Book TitleSmruti Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagsharan Sinh
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1993
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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