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________________ अत्रिसंहिता धर्मशास्त्रोपदेश वर्णनम् : ३५२ १ - ७ १२ २३ विषय श्लोक संहिता श्रवण माहात्म्य गुरु के सत्कार न करने से कुक्कुरयोनि प्राप्ति शास्त्र अपमान से पशुयोनि स्वकर्तव्यनिष्ठ की प्रशंसा प्रत्येक वर्ष के कर्म १३-२० विद्वानों के कार्य में मुखों की नियुक्ति करने पर क्षति विद्वत्पूजा वर्णन राजा के पञ्च यज्ञ-दुष्ट को दण्ड, सज्जन पूजा, न्याय से कोषवृद्धि , निष्पक्ष न्याय, राष्ट्र वृद्धि २८ शौच लक्षण ३१-३५ ब्राह्मण कर्तव्य ३६-३६ दान माहात्म्य ४०-४१ इष्टापूर्ति के लक्षण ४३.४४ नियम की अपेक्षा यम का सेवन ४७ नियम जिनको उद्देश्यकर स्नान किया जाता है उसका फल ५०-५१ गया श्राद्ध तथा गया श्राद्ध का माहात्म्य ५२-५८ आहार शुद्धि, स्थान शुद्धि, वस्त्र शुद्धि आदि का निर्देश ५६-८१ सूतक आशौच आदि का प्रायश्चित ८३-१११ कृच्छ, सान्तपन, चान्द्रायण व्रत का विधान १११-१३५ स्त्री को जप व्रत का निषेध केवल पति परायणता १३५-१३८ लोहपात्र में भोजन करने से पतित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002787
Book TitleSmruti Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagsharan Sinh
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1993
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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