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सौदा करके क्रेता को न देने से स्थायी सम्पत्ति में हानि देनी पड़ती है । जङ्गम वस्तु न देने से उसका जो लाभ हो सो क्रेता को देना पड़ता है
सौदा करने के बाद मूल्य देने पर उपरोक्त नियम लागू होता है अन्यथा नहीं
१०. क्रीत्वानुशयो नवमं विवादपदम् : २६१ क्रेता खरीदने के पीछे ठीक न समझे तो उसी दिन वापिस देवे यदि दो दिन बाद वापिस दे तो ३० वां हिस्सा दे, अधिक दिन होने उसका दूना दे । चार दिन बाद वह सौदा खरीददार का होता है
खरीददार गुण दोष भली प्रकार देखकर सौदा ले तब यह सौदा वापिस नहीं हो सकता
गाय को तीन दिन परीक्षा कर देखे, मोती हीरा इत्यादि ७ दिन, द्विपद १५ दिन, स्त्री १ माह और बीजों की १० दिन तक परीक्षा का नियम है । पहने हुए कपड़े वापिस नहीं हो सकते धातु लोहा सोना इत्यादि की अग्नि में परीक्षा, सोना घटता नहीं, रजत दो पल, कांसा शीशा आठ प्रतिशत, तांबा पांच प्रतिशत घटता है
जितना काटकर बेचा जाता है। काषाय वस्त्र खरीदने का विषय
नारदीय मनुस्मृति
११. समयस्यानपाकर्म दशमं विवादपदम् : २६२ समय का अनपाकरण (पाखण्डी से राजा बचकर रहे ) प्रवृत्ति भी हो तो भी बचना चाहिए
१२. क्षेत्रविवाद एकादश विवादपदम् : २६३ ग्राम्य सीमा का निर्णय तथा ग्राम के गोपालों तथा वृद्ध लोगों से सीमा का निर्णय
सीमा के विषय में झूठ कहने वाले को साहस का ड
पुल बनाने पर विचार
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