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कपिलस्मृति
कपिलस्मति
कपिल-शौनक-सम्वाद २५३६ कपिल एवं शौनक में परस्पर वेद विषयक चर्चा । यहीं वेदनिन्दकों का प्रकरण भी आया है ।
१-२० वैदिककर्मणामभावकथनम वैदिक कर्मों का अभाव कथन
२१-४० वेदमन्त्राणां व्यत्यासेनोच्चारणेदोषकपनम् २५३४ वेदमन्त्रों के व्यत्यास से उच्चारण करने में दोष होना
४१-५० श्राद्धप्रकरण २५३५ श्राद्ध प्रकरण का वर्णन, नान्दीमुख श्राद्ध की प्रधानता, विभिन्न श्राद्धों का सुन्दर वर्णन
५१-३०० उपनयनसंस्कार २५५७
उपनयन संस्कार वर्णन ३०१-३३३ ब्राह्मणादिवों का एक पक्ति में भोजननिर्णय वर्णन
३३४-३५० विप्रमहत्व ३५६१ वित्रों के महत्त्व का वर्णन
३५१-३५८ नान्दी श्राद्ध करने वाले की योग्यता व अधिकार का वर्णन ३५६-३७४
इतकपुत्रप्रकरण २५६५ दत्तकपुत्र का वर्णन और उसकी योग्यता
३७५-४२६ दानप्रकरण २५६६ दशविधदानों का निरूपण
४२७-४७६ दान के अधिकारी जनों का वर्णन
४७७-४८७
धान्य २५७५ दौहित्र की सर्वत्र प्रधानता का निरूपण
४८८-५०० भूमिवानप्रकरण २५७७ भूमिदान प्रकरण
५०१-५१८ वजितस्त्रीणां श्रावपाकप्रकरणे दोषवर्णन २५७९ वजित स्त्रियों को श्राद्ध का पाक करने में दोष बतलाया है ४१६-५४०
विधवास्त्रीणां कृत्यवर्णन २५८१ विधवा स्त्रियों के कार्यों का वर्णन
५४१-५६२ सधवा एवं विधवा स्त्रियों का विवेचन
५६३-६३२
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