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________________ ब्रह्मोक्तयाज्ञवल्क्य स्मृति ७. श्राद्ध वर्णन प्रेतश्राद्ध और सपिण्डीकरण की विधि १-६० ८. ब्रह्मचारिधर्म : २४११ ब्रह्मचारी के धर्म का वर्णन १-१४४ स्नातक होने पर विवाह का वर्णन १४५-२९६ नव-संस्कारों का वर्णन ३००-३६१ ६. तिथिनिर्णय : २४४७ प्रतिपदा से पूर्णिमा तक तिथियिों पर विचार, तथा कोन तिथि उदयव्यापिनी और कोन तिथि काल-व्यापिनी ली जाती है तथा किस तिथि में किस देवता का पूजन किया जाता है उसका वर्णन १०. विनायकाविशान्तिवर्णन : २४५२ दुष्ट स्वप्न के होने पर विनायक की शान्ति तथा ग्रहशान्ति का विधान बताया गया है १-१६० ११. दानविधि : २४६७ दान का महत्त्व और गोदान की विधि १-२१ गोदान का महत्त्व २२-२६ महिषी के दान का महत्त्व १७-३१ वृषभ के दान का महत्त्व ३२-३६ भूमिदान ३७-३८ तिल दान ३६-४० अन्न दान ४१-४३ सोने का दान चान्दी के दान का महत्त्व ४५-६६ १२. प्रायश्चित्तवर्णन : २४७४ दी हुई चीज को वापस लेने में न्याय अदेय वस्तुओं का वर्णन विवाद न होने वाली वस्तुओं का वर्णन ७-१६ इष्ट कर्मों का वर्णन २०-३४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002787
Book TitleSmruti Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagsharan Sinh
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1993
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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