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________________ ग. च्यार शब्दकोशः कोउय २. २०३ कौतुक, अमाङ्गल्य-नाशक- चक्काय ३. ७, ६१ चक्रवाक क्रियाविशेष (स्त्री.) चक्काइ ३. १०८ चक्काई, ४. ५१. कोड ४. १४५. [दे. २. ३३ ] कौतुक चच्चरि २. ४२ चर्चरी कोय ३. १०२ कोप चट्ट २. २५८ (दे.) छात्र चत्तारि १. ९१, चियारि २. २४८ चत्वारः खज, पेज २. २५६; खजय] पेजय २. १९५ ___ खाद्य, पेय [गु. खाज] चंचरीय २. १६ चञ्चरीक, भ्रमर खय २. १३९ क्षत चित्तिम ४. १८१, १४२ (?) चित्र... खाइय १. २८ [खातिका] परिखा (गु. खाइ) (गु. चित्तम) खार २. १३९ क्षार (गु. खार) चिंतवइ १. १९६; ४. ९५ चिन्तयति खास ४. १७२ कास (गु. खांसी) चेडय २. २५८ चेट, दास खित्तवाल ४. १८४; खेत्तवाल ४.९४ क्षेत्रपाल चोज १. १०२, १४२, १८१ [चोद्य ] माश्चर्य खुज २. २२७ कुब्ज चोरी १. २१७; चोरि ४. ९६, ११३, ११६, खुह ४. १७१ क्षुधा ११७ चौरी खेल्लइ ३. ९३ [खेलति] क्रीडति छाया ३.२७ गउरव २. २३५ गौरव गउरि २. २५० गौरी छिन्न-छिद् (गु. छीनb) गग्गर १.६२ गद्द छिनिवि ३.९६ छित्वा, छिनिजइ १. १४६ छिद्यते गज १. ३५ [*गर्ज:] गर्जना (गु. गाजवीज) गणणि ४. ३७, ४७, ४८, ५०, ६३ गणिनी | जउण १.६४ यमुना गरुय ४.१५४ गुरुक जजर ४. १८७ जर्जर (गु. जाजर) गरुयउँ ४. ३१ | जडिय १. २२१ खचित (गु. जड्यु) गठविय २.२५८? जणि २. १२२ (उत्प्रेक्षार्थे) ननु गंधुक्कड २. २३६, ४. १५१ गन्धोरकट जणेरि ३. ४५ [*जन+करी] जननी गुस्थ २.१०१ ग्रथित जन्मजत्त २. २२४, २६० [जन्या+यात्रा] गेजमाल २. २१९ प्रैवेयक-माला । विवाहयात्रा (गु. जान) गोसग्ग ३. २५ [गोसर्ग] प्रभात जमलसंख २. २४७ यमलशङ्ख, युगलशङ्ख घरवार १. १३१ [गृहद्वार] गृहादिक जम्मण ४. ७५ जन्मन् (गु. घरबार) जरिय १. १७१ ज्वरित घरवास ४. २७ गृहवास (गु. घरवास) जलद्द २. १६७ जलाई (वस्त्र) घल्लिय ४. १३६ क्षिप्त जलहि १. ४२ (१) जलधि, (२) जड-धी वित्त ३. ४० क्षिप्त जहिच्छइ १. ११६, १२०, ३. २९ यथेच्छम् घिसिय २. २४६ क्षिप्ता जंपाण २.१३६ [जम्पान] वाहनविशेष, शिबिका घिय ४. ८६ घृत (गु. धी) जा ४.१४३ यावत् . घुम्मिर २. ४२ घूर्णायमान °जाण २. १७, ४. १५८ ज्ञाता (गु. जाण) घोलंत २. २४५ घूर्णायमान (गु. धोळातु) जाणवत्त ४. १७८ [यानपात्र] नौका जाय ३.१११ जाया चउक्क २. २०० चतुष्क (गु. चोक) जावय २. २०७ यावक, लाक्षा चकडोक २. १२९ चक्रदोला (गु. चकडोळ) जि १. २१७, २. १४३ एव (गु. ज)जं जि चकमाल १.२४ चक्रवाल, समूह ? । ४.७०; सो जि १. ९३, १०७, ३. ९४ . . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002783
Book TitlePaumsiri Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhahil Kavi, Jinvijay
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1948
Total Pages124
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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