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दिव्यदृष्टिवि - धाहिलविरचित [ अपभ्रंशभाषागुम्फित ]
पउम सिरिचरिउ
[ गुर्जर भाषाग्रथित विस्तृत प्रस्तावना - ग्रन्थसार टिप्पण-शब्द कोशादिसमन्वित ]
सम्पादक
श्रीयुत मधुसूदन चि० मोदी
एम्. ए. एलएल, वी.
ऑनररी प्रोफेसर - गुजरात विधासभा संयोजित अनुस्नातक अध्ययन संशोधन मन्दिर ( अमदाबाद )
विक्रमाब्द २००५ ]
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भारतीय
க
श्रीयुत हरिवल्लभ चु० भायाणी
एम्. ए.
प्राकृत संस्कृत - अपभ्रंश - गूर्जरादि तुलना
रमक भाषा शास्त्राध्यापक
भारतीय विद्याभवन ( मुंबई )
विद्या भवन
अमृत विद्या
बंबई
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355
प्रकाशनकर्ता सिंघी जैन शास्त्र शिक्षापीठ भारतीय विद्या भवन
बंबई
*
प्रथमावृत्ति - पंचशतप्रति
[ १९४८ ख्रिस्ताब्द
थांक २४ ]
[ मूल्य रु.४-१२-०
काशक - जयन्तकृष्ण, ह. दवे, ऑनररी रजिष्ट्रार, भारतीय विद्या भवन, चौपाटी रोड, बंबई. नं. ७ द्रक - रामचंद्र येसू शेडगे, निर्णयसागर प्रेस, २६-२८ कोलभाव स्ट्रीट, बंबई नं. २
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