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३ और ५- इन दोनों प्रशास्ति - लेखोंमें निर्दिष्ट व्यक्तियोंका संयुक्त वंशशाखाके रूपमें आलेखन करें तो वह निम्नप्रकारसे दिखाई देगा-
प्राग्वाटवंश-सिद्धनाग- वासस्थान सत्यपुर
पत्नी अंबिनी
पो(वो ढक (पत्नी-...देवि)
वीरड (पनी-धनदेवि)
वदुड (वर्धन)
वरदेव (पनी - लक्ष्मी)
अमृतदेवि
जिनमति
यशोराजी पाजूका.
आंबा
सिच चांपूश्री वासस्थान-दधिपद्र, सं. ११८७ (पनी-१ राजमति. २ भिंयादेवि)
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जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह-प्रथम भाग
आंब
सरण
वीरिका
जसहिणि
आंबुदत्त
वीरदत्त आंधुवर्द्धन सजन यशःश्री शिवादेवी
(पत्नी-महलच्छि ) [महत्तरा] [महत्तरा]
वीसल
सांतिका
घांधिका
धवल ... (पत्नी-मल्लणि)
वास. पाटण, सं. १२२७
(पनी-देमति)
आशुकादि [पुत्र].
'धीरचंद्र
देवचंद्र
सिरी
बोहडि पिनी-१ अश्वदेवी, २मुंघी), (पत्नी-मांदू) (पनी-वेजू!)
यशोधर, यशोधीर. यशःकर्ण. घेऊ. जासुका. आंब सरण
आशाधर (पनी-राजुका)
देवराज
विजय अजय राज
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