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उज्जोयणसूरिविरइया
पोइरिम होयणाण व माले घोणाएँ जस्स आवतो रूस अवस्स सामी अकारणे बंधु वग्गो य ॥ भुयायण-मजायारे भावतो होइ जस्स तुरयस्स सामी घोडव-पालो व तरस भत्तं ण अजेइ ॥ णासाऍ पास लग्गो भावत्तो होइ जस्स तुरयस्स । सो सामियं च णिहणइ खलिय- प्पडिए ण संदेहो ॥ जाणूसु जस्स दोसु वि आवत्ता दो फुडा तुरंगस्स । खलिय-पडिएन हिणइ सो भवारं रण-मुहम्म] ॥ कण्णे जरस दो वि सिप्पीओ होंति वह शुलोमाओ सो सामियस्स महिलं दूमेट् ण एव संदेहो ॥ 6 ता देव, एते असुद-लखणा, संपर्व सुद्ध-लक्खणेमे णिसामेहि ति ।
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संघाड जइतिष्णिसु डिया रोमया णिडालम्मि । जण्णेहिँ तस्स पहु दक्खिहिँ णिचं जयइ सामी ॥ उबरंधा उपरि आवत्तो जस्स छोइ तुरयस्स बइ कोट्टयारं धनं च पणो ण संदेदो ॥
बासु जस्स दोसु वि आपणा दो फुढा तुरंगस्स मंडेइ सामियं भूसगेहिं सो मेहली तुरभो ॥'
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'कुमार, पुणो वि
§ ५७) जाव व एवं एत्तियं आस-लक्खर्ण उदादरद कुमारो कुवलयचंदो ताव राइणा भणियं सत्था सुणिहामो' त्ति भणमाणो आरूढो पवणावत्ते तुरंगमे राया । कुमारो वि तम्भि चेव समुद्दकलोले वलग्गो तुरंगमे । 12 सेसा वि महा- सामंता केइत्य तुरंगमे, केत्य रहबरे, केत्य गणवरे, के एत्थ वेसरेसुं, अण्णे करदेसुं, अबरे रेसुं, 19 अवरे जैपाणेसुं अवरे जंगएसुं, अण्णे झोलियासुं ति । अविव ।
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य-गय-रह- जोहेव बहु-जाण सहस्स वाहणादण रागणं विराय मेदं पि हु मदद-संचारं ॥
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15 तत्र उद- मुंडरीय सोहिओ च-सिव-वार-चामरागव- हंस-सनादो दर-हार-संख-ण-वल-नियंसण-सलिल-समोत्थओ || सरय-समय- सरवरो विय पयट्टो राया गंतुं । तस्स मग्गाणुलग्गो कुमार कुवलयचंदो वि । तम्मि पयट्टे से पि उद्धाइयं बलं । तो दिय-पव-णिक्खेव चमडणा-भीवा नराणं णरा, खराणं खरा, बेसरा बेसरा, तुरयाणं तुरया, करहाणं करदा, रहवरार्ण 18 रहयरा, कुंजराणं कुंजरा वि पहाविया भीया गिषय-हत्यारोहाणं ति ताव म फेरि च तं दीसितं पयतं व नवि व 18 तुंग- महागय-सेलं चलमाण महातुरंग पवणिलं । णज्जइ उप्पायम्मि व पुढवीए मंडलं चलियं ॥ तओ पुरंव-खाये पत-कुंजरि सुचारुचिं कुठे रंगमियं ॥ सुसेय-छत्त-संकुलं खलंत - संदणिल्लयं । तुडत हार-कंठयं पहावियं ति तं बलं ॥ ओसरद देह अह रे कह जिरो सि मा तूर कुयिहि मज्झ राया देह पसाएण मगं मे ॥ जा-जाहि तूर पसरसु पयट्ट वच्चाहि अह करी पत्तो । उच्छलिय- कलयल-वं मग्गगालगं बलं चलिये ॥ 24 तमो एवं च रह-गय-नर-तुरय-सहस्स संकुले कमेण पत्तो राय-म ताव व महाणई-पूरो चित्र उत्थरि पयत्तो महा-राय- 94 मग्ग-रच्छाओ ति ।
अह गयऍ कलयलो परियइ जिय समुद्दणिग्घोसो । कुवलयचंद - कुमारे चंदम्मि व णीहरंतमि ॥ fiers किर कुमारो जो जत्तो सुणइ केवलं वयणं । सो तत्तो चिय धावइ जहुज्जयं गो-गहे व्व जणो ॥ अइकोउय रहस भरंत हियय परियलिय लज्ज-भय-पसरो । अह धाइ दंसण-मणो णायर-कुल- बालिया-सरथो ॥ ताव य कुमारो संपतो धवलट्टालय-सय-सोहियं णयरी-मज्झद्देसं रायंगणाओ त्ति ।
६ ५८) ताव य को वृत्तंतो णायरिया-जणस्स वहिउं पयत्तो ।
एक्का नियंब-गरुई गंतुं ण चएइ दार-देसम्मि । सहियायणस्स रुस्सह पढमं चिय दार-पत्तस्स ॥ अण्णा धावति चिय गरुव थणादार भोय सुठियंगी। जीससइ चिव नवरं पिययम-गुरु-बिरद्द-तविय व्य ।।
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J
11) P
1 ) Jसुआवत्ता P होइ आवत्तो, P आकरणे. 2 ) P भुययाणे मज्झयाए, P तो जस्स होइ तु", " बालो for पालो, सज्जे P अज्जेंति. 3 ) J सासाय P नाहीए पासग्गो, तो जस्स होइ तु, १ तो for सो, Pom. च, P निणए. 4 ) वडण 5 ) P वि सिप्पिओ होंति आणुलो ं, P दूसेइ. 6 ) P सुहलक्खणा मेति निसामेव त्ति 7) सिंघाड, द्विता, ता जाण for जण्णेहिं बहु for पहु, P जयति. 8 ) J उबरंगाणं, आवत्ता, P होति, P वडइ कोट्ठायारं, P पइण्णो. 9 ) P यस्स, for दुडा फुडा, P मंडेहिं, P भूषण। हिं, तुरगो. 10 ) P एयं च एत्तियं, P उआदर कुमार, P पुणो वीसत्थासमारूढो for आरूढो, P य for चेव. 12 > Pom. केइत्थ रहवरेसुं, 3 om. केइत्थ गयवरेसुं के एत्थ वेसरेसुं. 13 ) P झोलियासु ति. 14 ) P वारुणान्नं, P वियारह 15 ) P पुंडरिय, P चामररायहंस, समत्थओ 16 ) तम्मि पयट्टो, P सेसं पसेसं पि. 17 ) P निद्धय, Pom. णराणं, वेगसराणं वेगसरा 18 ) P य for भीया णियय, P हत्थि for हत्था 19) P उप्पायं पिव पुहईए. 20 ) P खग्गग्गयं, Jom. चलंतकुंजरिलयं. 21 ) सदिणिलयं P सं gap, J तुरंत P उत पहावियं तं बलं ति P चलति for बर्रुति 22 ) P कुप्पिदी. 23 ) रवो for रवं, तओ (on the margin) for बलं 24 ) P संपत्तं for पत्तो, उ महाणइपहो. 25 ) P मग्गच्छाउ 26 ) P -कुमारो 27 ) r जुत्तो for जत्तो. 28 ) रहभरंति, इय for अह 29 ) P सयलसाहिअं नयरिमग्गुद्देसं. 30 ) P बड्डियो 31 ) Pन एक्का नियंबगरुयी तुंगं न, P रूस 32 ) P धावंत, P थणाभायभोय.
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