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कुवलयमाला
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1 मिच्छ-अविरइ कसाया पमाय-जोगेहि बंधए कम्म । सत्तटु-विहं छविहमबंधओ णस्थि संसारी ॥
एगत-बह-चित्तो कुसमय-मोहिज-माण-सम्भावो । मिच्छा-दिली कम्मं बंधइ अह चिक्कण होइ॥ 3 गम्मागम्म-वियप्पो वच्चावच्चाइँ जो ण परिहरइ । सो अविरय-पाव-मगो अविरतओ बंधए पावं ॥
मजं वि महाणिद्दा एए उ हवेति ते पमायाओ। एएसु जो पमत्तो सो बंधइ पावयं कडुयं ॥ मय-कोह-माण-लोहा गए चत्तारि जस्स उ कसाया। संसार-मूल-भूएहिँ तेहिँ सो बंधए पावं ।। काय-मण-वाय-जोगा तेहि उ दु?हिँ दुट-बुद्धीए । बंधइ पावं कम्मं सुहेहिं पुण्णं ण संदेहो ॥ ता जाव एस जीवो एयइ वेयइ य फंदए चलए । सत्तठ-छच्चगविहं बंधइ णो णं अबंधो उ ॥ ता तेण कम्मएणं उच्चाणीएसु णवर ठाणेसु । जीवो इमो भमिजइ कराहओ कंदुउ व्व समं ॥ इंदत्तणं पि पावइ जीवो सो चेय णवर किमियत्तं । णरए दुक्ख-सहस्सा. पावए सो च्चिय वराओ॥ पुढवि-जल-जलण-मारुय-वणस्सई णेय-भेय-भि मेसु । एग-दु-ति-चउरिंदिय-विगलेसु अणेय-रूवेसु ॥
अंडय-पोत्तय-जरजा रसाउया चेय होति संसेया। सम्मुच्छिमा य बहुए उब्भिय-उववाइमा अण्णे ।। 2 सीउण्ह-मीस-जोणिसु जायंते के वि तत्थ दुक्खता । संकड-वियडासु पुणो मीसासु य होंति अवरे चि॥
पंचेंदियाण पुच्छसि चउरो भेदा उ होति देवागं । भवणवइ-वाणमंतर-जोइस-वासी विमाणत्था ॥ विजु-घण-थणिय-अग्गी-सुवण्ण-तह-दीव-दिसि-कुमारा य । वाऊदधी य णागा दस भेया होंति भवणत्था ।। अह जक्ख-रक्ख-भूया पिसाय तह किंणरा य किंपुरिसा । महउरया गंधवा अटु-विहा वंतरा एए । चंदा सूरा पढमं गहा य णक्खत्त-तारया अवरे । एए पंच-विह चिय जोइस-वासी सुरा होति ॥
माणिया य दुविहा कप्पाईया य कप्पसुववण्णा । कप्पोचवण्ण-भेया बारस एए णिसामेसु ॥ । सोहम्मीसाण-सणकुमार-माहिंद-बंभ-लोया य । लंतय-सुक्क-सहस्साराणय-पाणय य दिय-लोया ॥
आरण-अच्चय-भेएहि संठिया बारस-विहाओ। एए कप्पोवण्णा देवा अह होंति सव्वे वि ॥
कप्पाईया दुविहा गेवेजाणुत्तरा य पंच-विहा । एएसु कोइ वच्चइ बहु-कय-पुण्णो हु जो पुरिसो ॥ । २३४ ) मणुया वि अगेय-विहा कम्मय-भूमा [अकम्म-भूमा] य । अंतर-दीवा अण्गे सबरादी बब्बरा अण्णे ॥ 21
तिरिया असंख-या दुपया अपया चउप्पया चेव । पक्खी सप्पाईया पभूय-पय-संकुला अण्णे ॥ णरए वि सत्त णरया पत्थर-भेएण ते विभिजति । भीमा उब्वेवणया बहु-दुक्खा णिञ्च-कालं पि ॥ अमर-णर-तिरिय-णारय-भव-संसारम्मि सागर-सरिच्छे । अट्टविह-कम्म-बद्धा भमंति जीवा ण संदेहो । अह एल्थ मणुय-लोए जीवो चिय सुकय-पुण्ण-पदभारो। उप्पज्जइ तित्थयरो अंतयरो सयल-दुक्खाणं ॥ से साहइ सच्चमिणं दिव्वण्णाण जाणिउं भगवं । सोऊण य तं जीवा केई वञ्चति सम्मत्तं ॥ अपणो पाव-परद्धा संसारे वच्चहरय-सरिसम्मि । अच्छति दुक्ख-तविया ण तस्स वयणं अवि करेंति ॥ जे पुण करेंति एयं ते पुरिसा णवर पुत्थ गेण्हंति । सम्मईसण-णाणं चरण चिय तिण्णि परमत्था ॥ जे जह जीवाईया भावा परिसंठिया सभावेण । सहइ ते तह चिय अह एयं इसणं होई ॥ गम्मागम्मं जाणइ भक्खाभक्वं च वच्चमविवञ्च । जागइ य जेण भावे तं णाणं होइ पुरिसस्स ॥ परिहरह पाव-ठाणं संजम-ठागेसु वा जेण । तं चारित्तं भण्णइ महन्धए पंचय होति ॥ जीवाणं अइवायं तह य मुसावाय-विरमग दुइयं । अदिण्णदाणा-मेहुण-बिरई पडिचाओं सव्व-दव्वाणं ॥
1) गिच्छाअविरती, J जो हिं, निबंधनो गत्य संसारी. 2) तु दुन्चित्तो, JP कुतुम', सुह P अहं, चिकणे भोप. 3) on , अविरो. 4)मजं विनवार्णिदा पते तुहमति ते पगत्तातु । एतेसु जो अमतो, P पावगं.5) Pमोहा For लोहा, ले, J भूतेहिं. 6) जोजा तक्षितुष्टेदि. 7) एतर बेलइ अं, JP सत्तट्ट, र छवेगविह, J बंधइ अ गोणं अहं होंतु ।।. 9) चेव, 'om. गवर. 10) Jणेय मिणमिण्णेमु, I विअलेमु. 11) अण्डपोत्तय, " पोयय, J जरसा, संसेता, J ओवातिभा. 12) जोगिय for जोणिसु. 13) ता तु होति, P य for 3, भवणव तिवाणवंतरजोतिसवासी, P भवणवणवाण, " जोविस. 14) थणितजग्गीपासणदीनद, 1 दिसकुमारा, उबाऊ उदधी णागा, P वाऊदही, Jom. य, J मेता. 15) J जह for अह, जवखारवखस, भूता, महोगा पगंधवा, एते. 16)P अन्ने for अबरे, JP एते, J -विध,J जोतिस. 17)तु for य, दुविधा कप्पातीताय, 1 कामउववण्णा, J -भेता, J एते. 18) Pom. लंतय, Jस्सार आणतपाणतो य दियलोओ, P स्सारायणपाणया य दिसियलोया. 19)J अनुतमेरोहि, भेए हिं,J -विधात ।, P कप्पोववण्णा. 20)J कप्पातीता. J पंचविधा। एतेस, Jउ for दु. 21) अणेग, J कम्मामा , the second pada may be read thus: कम्मय-भूमा अकम्म-भूमा य 1. Jहीवा, सवराई. 22) यसंगमेता दपता अपता चप्पता, पक्खा अप्पाईया, J सप्पातीआ, J पसूअपत-23 P पत्थडभेष.हिं ण ते, J भेतेण ते,' विभजति. 24)J सायर,J कम्मबंधा. 25) सुकयभीमसंसारे । 26) J सो for से, P से सोइ. 27)"वहरय. 29) । जो for जे, J जीवातीआ Pजीवाएया, J परिसंठिता, P परिसंहिया सयावेग, P होंति for होइ. 30)गंमागंमा नयागाइ, वच for वच्चपविच, P भावोतं. 31) P-हाणं, P-ठाणे, J बच्चए for वट्टए, पंचतं. 32) J अतिपातं, मुसाबात, J दुति दुईय, दाण,J विरती, " विरइयपरिचाउ पंचमय ।।.
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