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10. युग्म और मण्डलियाँ सामान्य अनुशीलन (अ) युग्म : 1. प्रेमासक्त युग्म, 2. सम्भोगरत युग्म, 3. शुचिस्मिता। (ब) मण्डलियाँ : 1. नृत्य-मण्डली, 2. वाद्य-मण्डली, 3. संगीत-मण्डली। 11. प्रतीक प्रतीक की स्वीकृति, प्रतीक-विकास, विभिन्न रूप, मूर्तिकल्पना, मूर्तिपूजा का जन्म, मूर्तियों के पात्र, जैनधर्म में प्रतीक । समवशरण, गन्धकुटी, श्रीमण्डप, सहस्रकूट, मानस्तम्भ, चैत्यवृक्ष, अष्टप्रातिहार्य, नवनिधि, धर्मचक्र, चक्र, श्रीवत्स, स्वस्तिक, सोलह मंगलस्वप्न, चरणपादुकाएँ, नवग्रह, शार्दूल, मकरमुख, कीर्तिमुख, कीचक, गंगा-यमुना, नाग-नागी, तीर्थंकरों के लांछन और देव-देवियों के वाहन। 12. पशु-पक्षी तथा अन्य जीव-जन्तु (अ) पशु : सिंह, हाथी, वृषभ, अश्व, शार्दूल, हरिण, बन्दर, कुत्ता। (ब) पक्षी : गरुड़, मयूर, हंस, चक्रवाक। (स) अन्य जीव-जन्तु : सर्प, गोह, मकर, कच्छप, मत्स्य, छिपकली, वृश्चिक। 13. आसन और मुद्राएँ (अ) आसन : पद्मासन, कायोत्सर्गासन, अर्ध-पद्मासन, उत्थित-पद्मासन, ललितासन, राजलीलासन, अर्ध-पर्यंकासन। (ब) मुद्राएँ : वितर्क, धर्मोपदेश, नासाग्र, अंजलि, त्रिभंग, कटिहस्त,
आलिंगन, सम्भोग, वरद, अभय। 14. प्रकृति-चित्रण विन्ध्य पर्वतमाला, वेत्रवती नदी, समुद्र, जलाशय, मत्स्य, गजराज, सिंह, वृषभ, सूर्य, चन्द्रमा, अशोकवृक्ष, आम्र-वृक्ष, कल्पवृक्ष, लताएँ और पुष्प, आम्रगुच्छक, पत्रावलियाँ, कमलाकृतियाँ, कमलदल, सर्प, वृश्चिक, छिपकलियाँ, सिंह और गाय तथा उनके बच्चे। 15. उपसंहार
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6. धार्मिक जीवन 1. धार्मिक जीवन के प्रतिनिधि साधु समुदाय, भट्टारक।
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तेरह
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