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गाथा
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जंबूदीवपण्णत्तिकी प्रस्तावना विषय
विषय
गाथा वप्रकावती विजय, अपराजिता नगरी व
लवणसमुद्रकी दिकाकी उंचाई आदि फेनमालिनी नदी १२२ उद्देशान्त मंगल
१०२ वल्गू विजय, चक्रपुरी व महानाग पर्वत १३०
११ ग्यारहवां उद्देश (पृ. १८५-२२२) सुवल्गू विजय, खड्गपुरी ऊर्मिमालिनी नदी १३९ गन्धिला विजय, अयोध्या नगरी व देव पर्वत १४९
मल्लि जिनेन्द्रको नमस्कार कर दीप-समुद्रादिके गन्धमालिनी विजय
कथनकी प्रतिज्ञा
१५७ अवध्या नगरीका वर्णन
धातकीखण्ड द्वीपका अवस्थान व विस्तार
१६४ विदेह क्षेत्र में सम्प्रदायान्तरोंके अभावका
दो इष्वाकार पर्वतोंका उल्लेख उल्लेख
क्षेत्रों व पर्वतो आदिका विस्तार
१७१ सुवर्णमय वेदिका
१७३
धातकीखण्डमें स्थित क्षेत्रों व पर्वतोंका आकार ८ गन्धमादन पर्वत
१७६
धातकीखण्डकी मध्य व वाह्य परिधिका प्रमाण ११ मालवन्त पर्वत
१७८
पर्वतरुद्ध क्षेत्रका प्रमाण सुवर्णमय वेदिका
१८२
पर्वतरहित क्षेत्रके २१२ खण्डोंका निर्देश यक्षार पर्वतोंपर स्थित जिनभवनोका वर्णन १८६
भरतक्षेत्रका विस्तार उद्देशान्त मंगल
१९७
धातकीखण्ड व पुष्कर द्वीपों में स्थित मेरुओंका
वर्णन १० दसवां उद्देश (पृ.१७३-१८४)
इन मेरुओं, इष्वाकारों व धातकीवृक्षों कुंथु जिनेन्द्रको नमस्कार कर लवणसमुद्रके
आदिके वर्णनकी पूर्व वर्णनसे समानताका कथनकी प्रतिज्ञा
निर्देश लवणसमुद्रके विस्तारका निर्देश कर उसमें
धातकीखण्डके जंबूद्वीपप्रमाण खण्डोंका निर्देश स्थित ज्येष्ठ, मध्यम और जघन्य
धातकीखण्डका क्षेत्रफल पातालोंका निरूपण
कालोदक समुद्रका वर्णन पूर्णिमा व अमावस्याके दिन लवणसमुद्रकी
पुष्करवर द्वीपका वर्णन उंचाई
जंबूद्वीपादि १६ द्वीपोंके नामोंका निर्देश समुद्रमें होनेवाली हानि-वृद्धिका वर्णन
समुद्रोंके नामोंका उल्लेख वेलंधर देवोंके ८ पर्वतोंका वर्णन
लवण, कालोद और स्वयम्भूरमणको छोड़कर पन्नग देवोंके नगरीका उल्लेख
शेष समुद्रोंमें जलचर जीवोंके न होने का गौतम द्वीपका वर्णन
उल्लेख २४ कुमानुषद्वीपोंका अवस्थान
लवणसमुद्रादिमें स्थित मत्स्यादिकोकी उंचाई कुमानुषोंका वर्णन
लवणसमुद्रादिके जलका स्वाद कुमानुष पर्याय प्राप्त होनेके कारण
ग्रन्थीका अवस्थान कुमानुषोंके यौवन व उत्सेध आदिका निरूपण ८० लोकका आकार व विस्तार आदि लवणसमुद्रकी परिधिका प्रमाण
सात पृथिवियोंका नामोल्लेख कर स्नप्रभा लवणसमुद्रके जंबूद्वीपप्रमाण खण्ड, क्षेत्रफल
पृथिवीका वर्णन
११२ . और सूची आदिके लानेका विधान
शेष ६ पृथिवियोंकी मुटाईका प्रमाण १२२
३५
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