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________________ प्रस्तावना परीक्षण करने से ज्ञात होता है कि कवि ने अपनी दोनों रचनाओं में वुन्देली बोली के अनेक शब्दों का व्यवहार तथा पासणाहचरिउ के अंश को आत्मसात किया है। इसी प्रकार कवि की रचनाओं में जिस संघ, गच्छ, गण के भट्टारकों का उल्लेख हुआ है उत भट्टारकों के नामों का रइधू साहित्य में भी उल्लेख हुआ है ।' स्व. पं० परमानन्द शास्त्री ने कवि की कृति नागसेनचरिउ से कवि के परिचयात्मक एक यमक का उल्लेख देते हए लिखा है कि कवि माणिक्कराज कहाँ के निवासी थे यह निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता है किन्तु इतना अवश्य कहा जा सकता है कि वे वहाँ के जिन मन्दिर में निवास करते थे जिसमें आदिनाथ तीर्थंकर की दिव्यमूर्ति विराजमान थी। ___कवि के समय की एक भव्य ५७ फुट ऊँची आदिनाथ की प्रतिमा ग्वालियर के किले में विराजमान है। इस प्रतिमा की आसन पर १९ पंक्ति का लेख है। इस लेख की प्रथम पंक्ति में प्रतिमा की प्रतिष्ठा का समय वि० सं० १५२५ उत्कीर्ण है । चौथी पंक्ति में-श्री काष्ठासंघे माथरान्वये पुष्करगणे भट्टारक श्री हेमकीतिदेवास्तत्पट्ट भी अंकित है । डॉ० राजाराम जैन के अनुसार इस प्रतिमा का प्रतिष्ठा-कार्य कवि रइधू के द्वारा सम्पन्न हुआ था । इन उल्लेखों के आलोक में यह स्वीकार किया जा सकता है कि कवि माणिक्कराज विक्रम संवत् १५२५ के आसपास ग्वालियर किले के इस आदिनाथ मन्दिर में रहते थे। कालान्तर में अपनी आम्नाय के भट्टारकों की प्रेरणा से वे रोहतक चले गये और वहाँ के पार्श्वनाथ मन्दिर में रहने लगे थे। कवि की रचनाएँ कवि माणिक्कराज की अब तक दो रचनाएँ अमरसेनचरिउ और नागसेनचरिउ प्राप्त हुई हैं । ये दोनों पाण्डुलिपियाँ अपभ्रंश भाषा में लिखो गयी हैं । दोनों ग्रन्थों की एक-एक प्रति आमेरशास्त्र भंडार, जयपुर में सुर १. र इधूग्रन्थावलि : वहो, भूमिका पृ० ९ । २. तहि जिणवरं मंदिर धवलु भन्छ । सिरि आइणाह जिविवु दिन्छ । अनेकान्तः वर्ष १०, किरण ४-५ । ३. यह प्रतिमा लेख लेखक के अभिलेख संग्रह में सुरक्षित है। ४. र इधूप्रन्यावलि : भाग १, वहो, भूमिका, पृ० ९ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002769
Book TitleAmarsenchariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikkraj Pandit, Kasturchandra Jain
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1991
Total Pages300
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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