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स्तोत्र
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युगप्रधान आ. जिनदत्तसूरिजी का जैन धर्म एवं साहित्य में योगदान पार्श्वनाथ मंत्र-गर्भित चैत्यवंदन कुलक संदेह दोलावली
औपदेशिक उत्सूत्र-पदोद्घाटन कुलक उपदेश कुलक
शान्ति पर्व विधि १४. वाडिकुलकम् १५. आरात्रिक वृत्तानि (क) अपभ्रंश कृतियाँ
उपदेश धर्म रसायन २. चर्चरी
कालस्वरूप कुलक
अनुपलब्ध ग्रंथ (१) अवस्था कुलक (२) आध्यात्म गीता (३) योगिनी स्तोत्र
(अ) संस्कृत कृतियाँ
१. अजित-शान्ति स्तोत्र यह स्तोत्र संस्कृत भाषा में रचित है । इस स्तोत्र की भाषा सुललित और प्रवाहमयी है। इसमें अजितनाथ और शांतिनाथ भगवान की स्तुति की गई है। रचनाशैली सरस है। इसमें १५ श्लोक है, स्तोत्र में विभिन्न छन्दों का प्रयोग किया गया है, छन्दों के नाम निम्न है:
श्लोक संख्या एक, दो, दश, बारह में वसंततिलका छन्द, तीन, चार, ग्यारह, तेरह मे मालिनी, पाँच में पृथ्वी, सात, नव में स्रग्धरा, आठ, पन्द्रह में शार्दूलविक्रीडित
और चौदह में वंशस्थ छन्द का प्रयोग किया गया है। यह स्तुति का मूल मात्र प्रकाशित है। इस ग्रंथ में परिशिष्ट में हमने मूल दिया है, देखें परिशिष्ट, कृति-५ । अनुवाद निम्न दिया गया है।
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१.
जैन स्तोत्र संदोह भाग-१, पृ.१९९
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