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खरतरगच्छ पट्टावली मुनि जिनविजयजी
युगप्रधान आ. जिनदत्तसूरिजी का जैन धर्म एवं साहित्य में योगदान
बाबू पूरणचन्द नाहर कलकत्ता
१९३२
खरतरगच्छ बृहद् गुर्वावलि मुनि जिनविजयजी
भारतीय विद्याभवन, बम्बई
१९५६
गणधरसार्द्धशतक जिनदत्तसूरि टीका. चारित्रसिंहगणि
निर्णयसागर प्रेस, बम्बई
१९१६
जिनदत्तसूरि ज्ञान भंडार,
गणघरसाद्धशतक जिनदत्तसूरि टीका. पद्ममंदिरगणि
१९४४
चैत्यवंदन कुलकम् जिनदत्तसूरि टीका. जिनकुशलसूरि
उपा. लब्धिगणि निर्णयसागर प्रेस, बम्बई
१९२०
जैन स्तोत्र संदोहे (प्राचीन स्तोत्र संग्रह) साराभाई मणिलाल नवाब प्रथम-भाग
नागजी भूधरनी पोल अहमदाबाद १९३२
दशाश्रुतस्कंध मूल-नियुक्ति चूर्णि
पन्यास मणिविजयगणि ग्रंथमाला भावनगर
नवपद बृहद्वृत्ति श्री देवगुप्तसूरिजी टीका. यशोदेव उपाध्याय बृहद् वृत्तिम्
जीवनचंद्र साकरचंद झवेरी
१९२७
प्रवचनसारोद्धार-भाग-१, गुज. अनु. (श्री नेमिचन्द्रसूरि) प. हिरालाल हंसराज जामनगरवाले
मोहनलाल गोविन्दजी पालीताना
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