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युगप्रधान आ. जिनदत्तसूरिजी का जैन धर्म एवं साहित्य में योगदान
संदर्भग्रंथ सूचि संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश
ग्रंथ और लेखक का नाम अपभ्रंश काव्यत्रयी लालचंद भगवानदास गांधी
प्रकाशक
ओरियंटल इंस्टिट्यूट बड़ौदा
१९२७
आवस्सयं मूल सुत्तं सपा. मुनिदीपरत्नसागर
आगमश्रुत प्रकाशन अहमदाबाद
उत्तराध्ययन सूत्र वृत्ति
श्री जैन आत्मानंद श्रीमद् भावविजयगणि विरचित वृत्ति सभा, भावनगर
१९१८
उत्सूत्रपदोद्घाटन कुलक श्री जिनदत्तसूरि
आगमोदयसमिति सूरत
१९२७
ऐतिहासिक जैनकाव्यसंग्रह अगरचंदजी, भंवरलालजी नाहटा
शंकरदान शुभेराज नाहटा कलकत्ता
१९३८
ओघ नियुक्ति-द्रोणाचार्यवृत्ति
श्री आगमोदयसमिति निर्णयसागर प्रेस, बम्बई
१९१९
कथाकोष-प्रकरण मुनि जिनविजयजी
भारतीय विद्याभवन, बम्बई
१९३५
कर्मग्रंथ श्रीमद देवेन्द्रसूरिजी
रत्नप्रभावकरज्ञान पुष्पमाला, फलोदी
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