________________ हिस्सा लेकर गिरनार के मन्दिरों का जीर्णोद्धार करवा दूं। बाद में मैं राजा को चुका दूंगा। सज्जन मंत्री ने ऐसा ही किया। किसानों से टैक्स लेकर मंदिरो का निर्माण कार्य करवा दिया। नेमिनाथ भगवान का जिनालय पांवो पर खड़े हो कर हिम्मत के साथ पूरा करवाया। दूसरे मंत्रियों को जब पता चला तो राजा के कान भरने प्रारम्भ कर दिये ! इर्ष्या ऐसी चीज़ होती है वह एक दूसरे को गिराने का कार्य करती है / राजा को कहा कि महाराज सज्जन मंत्री ने इस वर्ष टैक्स पूरा नहीं भरा हैं बाकी का टैक्स जैन मन्दिरों में लगा दिया है। राजा को अहं आ गया मेरे को बिना पूछे मंत्री ने मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाने में पैसा लगा दिया इतनी इसकी हिम्मत कैसे हुई। सज्जन मंत्री से सभी इतना डरते थे कि सभा में खड़ा हो जाये तो कोई सामने नहीं देखता था। राजा ने तुरन्त गिरफ़तार करने का हुक्म दे दिया। सज्जन मंत्री को धर्म पर विश्वास था। मैंने जो भी कुछ कार्य किया है वह परोपरकार के लिए किया है। मन में किसी बात की चिन्ता नहीं। सज्जन मंत्री मन में सोचता है। होगा जो हो जायेगा एक बार हिम्मत करके राजा के पास जाऊं और गिरनार की यात्रा का निवेदन करूं / मैने राजा का नमक खाया है रास्ते पर लाना मेरा धर्म है / राजा के पास डरता डरता गया और कहां। राजन् मैं आपसे वायदा करता हूँ कि मैने जितना धन लिया है उसका चुकादा अवश्य करूंगा परन्तु एक बार आप अवश्य गिरनार पर्वत पर पधारे दर्शन करें। राजन् हर चीज़ देखने ही होती है। बहुत आजीजी की निवेदन किया। मंदिर की सुरक्षा के लिए। मानव मन पत्थर नहीं होता पिघल जाता है। आत्मा पानी के समान है उसका स्वभाव ठंडा होता है। आग के सम्पर्क से गर्म हो जाता है। आग का निमित्त हटने पर पानी ओटोमेटिक ठंडा हो जाता है। प्रेरणा भर दी। भाव क्या है। सभी जीवों को जिन शासन का रसिक बना दूं। एक जीव को शासन का रसिक बनाया तो कितना पुण्य ! सात बार पृथ्वी को भोजन कराये जितना। Jain Education Internationarivate & Personal Usevownly.jainelibrary.org