________________ 65 जायेगे। योग बहुत ही अच्छा है। समय को नहीं चूकेगें तो कार्य की सिद्धि हो जायेगी / योग अच्छे भी होते है और बुरे भी होते / मृत्युयोग, यम घंट योगदि खराव योग होते हैं। बिल्ली दूध पीती है परन्तु पीछे मालिक को नहीं देखती जो छड़ी लेकर खड़ा है, कमर तोड़ देगा ! ब्राह्मणी बहुत खुश हुई / अमुक दिन आ गया। ब्राह्मण ने कहां ब्राह्मणी एक कटोरा जवार तैयार रखना।तीन बार हूंकारा करूंगा तीसरे हूंकारे में डाल देना / कुछ पूछना नहीं / ब्राह्मणी ने कहा घर में जवार ही नहीं है / खैर कोई बात नहीं मैं पड़ोस में सेठानी रहती है उससे मांग कर ले आती हूँ। ब्राह्मण ने कहा जवार लेने जाओं तो सेठानी को कुछ बताना नहीं ! ब्राह्मणी दौडती हुई पहुंची और सेठानी जी मुझें एक कटोरा जवार चाहिए दे दो / सेठानी समझदार थी उसने कहां ब्राह्मणी जवार का क्या करेगी। यह तो कबूतरों को दाने डालने में काम आती है। उसने पूछ लिया ब्राह्मणी आज दिन तक जवार लेने नहीं आई आज आई है इसका क्या कारण है ! ब्राह्मणी ने कहां सेठानी पूछो ही मत ब्राह्मण जी ने कहा है किसी को बताना नहीं / सेठानी ने कहां ब्राह्मणी बताओं में किसी को नहीं कहूंगी! ब्राह्मणी सीधी थी उसने सारी हकीकत बतला दी कि अमुक दिन अमुक बार अमुक योग में अमुक नक्षत्र, पल-विपल, कला-विकला ऐसी आयेगी उस समय यदि कोई उबलते पानी में जवार डाल देगा तो मोती बन जायेगा / ब्राह्मण जी ने कहा है कि मैं हूंकारा करूंगा। एक बार दो बार, तीसरी बार के हंकार में जवार जाल देना। शेठानी ने एक कटोरा जवार ब्राह्मणी को दे दी, ब्राह्मणी जवार लेकर घर वापिस आ गई। इधर सेठानी ने अवसर का लाभ उठाया। ब्राह्मण तथा सेठानी की दीवार एक ही थी दीवार के पास एक भगोना पानी सिगड़ी पर चढा दिया और स्वयं जवार का कटोरा भर कर बैठ गई कान ब्राह्मण के हुंकारे की प्रतीक्षा करने लगे। ब्राह्मण के घर भी मगोने मे पानी उबलने लगा ब्राह्मण जी तो पत्रिका हाथ Jain Education InternationBrivate & Personal Usevowy.jainelibrary.org