________________ बहुत नफ़रत है। व्यक्ति जिसका मोह करता है उसी के अनुसार योनि मिलती है। तुमने किसी की पीड़ा को नहीं देखा, किसी का हित नहीं किया। व्यक्ति जैसा करता है वैसा ही उसे फल मिलता है। जीवन एक प्रतिध्वनि का कुंआ है / खाली कुएं में आवाज़ लगाने पर प्रतिध्वनि के रूप में वापस आती है। उपकार के बदले उपकार, अपकार के बदले अपकार / तुमने ऐसा ही किया है इसलिए ऐसा ही फल मिलेगा। राजा ने नौकरों से कहा कि तुम तलवार ले कर खड़े रहना मैं मरु और-जैसे ही पंचरंगी कीड़ा बनू उस पर तलवार से वार कर देना। ऐसा ही हुआ, नाले के पास सारे सैनिक खड़े हो गये / कीड़ा उत्पन्न हुआ, सब चिल्लाने लगे मारो-मारो! यह आवाज़ सुनते ही वह छुप गया। जो जिसमें है उसी में राजी रहता है। जब वियोग हो रहा था तब दुःख हो रहा था। अव मरने से डर रहा था। यह संयोग-वियोग की अवस्था है। महादेवी वर्मा जब पल भर का है मिलना, फिर चिर वियोग में छिपना। एक ही प्रातः है खिलना, फिर सूख-धूल में मिलना। यह संयोग चिर वियोग में ले जाने वाला है। संयोग-वियोग की कड़ी को जिसने समझा नहीं-उसे सुख-दुःख का अनुभव होगा! पंचवर्षीय चुनाव में सत्ता पाने के लिए हाथ पसारना पड़ता है। झोली लेकर भीख मांगनी पड़ती है। दौडादौडी होती है। सर्दी, गर्मी का अनुभव नहीं होता। सीट के पीछे पागल हो जाता है / सत्ता के पीछे एयर कन्डीशन में बैठने वाला सब कुछ सहने को तैयार हो जाता है। झोपड़ियों में चक्कर काटता है, वोट मांगता है। साधु संगति के लिए उसके पास टाइम नहीं / मांग पूरी हुई तो हंसता है नहीं हुई तो दुःख होता है / यह सब नश्वर है, जानता है। एक करोड़पति सेठ अल्ला नसरुद्दीन के पास धन की गठरी ले कर आया / गठरी उनके पैरों में रख कर बोला 'मुझे जीवन शान्ति का उपाय बताओ?'अल्ला नसरुद्दीन ने कहां शेठ तुम संयोग की वस्तुओं के वियोग को Jain Education Internation@rivate & Personal Usewowy.jainelibrary.org