________________
11
अनुक्रमणिका
(२)
प्रथम अध्यायः
पृ.१-५९ (१) पूर्वभूमिका
जैन धर्म की प्राचीनता तीर्थंकर परंपरा में भगवान महावीर ऋषभदेव, नमि, नेमी, पार्श्वनाथ, महावीर प्रस्तुत प्रबंधों का साहित्यिक परिचय वर्धमान, भगवान महावीर, चरम तीर्थंकर महावीर, वीरायन, श्रमण भगवान महावीर, तीर्थंकर महावीर, जय महावीर, परम ज्योति महावीर, त्रिशलानंदन महावीर और वर्धमान पुराण।
द्वितीय अध्यायः
पृ.६०-१०२ भगवान महावीर का जीवन-परिचय:- वीर जन्म के पूर्व की स्थिति, जन्मस्थान, बाल्यकाल, शक्ति-परिचय, यौवनावस्था, विरक्ति, दीक्षाग्रहण, साधनापक्ष,
जन-कल्याण एवं हितोपदेश, अन्तिम देशना व निर्वाण । प्रमुख चरित्रों का चरित्र-चित्रण : (अ) पुरुष पात्र : (१) सिद्धार्थ (२) नन्दीवर्द्धन (ब) नारी पात्र : (१) त्रिशला (२) यशोदा (३) शची (४) चंदनबाला
तृतीय अध्यायः
पृ.१०३-२०४ प्रबंधों का भावपक्ष (अ) प्रबंधो में जैन दर्शन: (१) ईश्वर (२) विश्वरचना (३) पंचमहाव्रत (४) छह द्रव्य (५) सात तत्व (६) कर्मवाद (७) स्याद्वाद (८) सप्तभंगी न्याय (९) अपरिग्रह (१०) बारह व्रत (ब) प्रबंधो में राष्ट्रीय भावनाः राष्ट्र शब्द की व्याख्या, भारतीय दृष्टिकोण, पाश्चात्य दृष्टिकोण, राष्ट्रीयता के पोषकतत्व,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org