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प्रेरणा और मार्गदर्शन तथा कुशल निर्देशन में यह शोधकार्य यथासमय पूर्ण हो सका।
भरतपुर के निवासी डॉ. रामकृष्ण शर्माजी का सर्वप्रथम सहयोग रहा।
महाप्रबंध के संशोधन लेखन में लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर के ग्रंथालय से मुझे जो सहायता प्राप्त हुई है, उसमें कुशल अध्यापक और सहयोगियों में मदद की है। इसमें रूपेन्द्रभाई, अमृतभाई, सलोनीबहन, पारूलबहन
और भारतीबहन का विशेष सहयोग उपलब्ध हुआ है । अंत में एक बार पुनः उन सभी महानुभावों के प्रति साधुवाद व्यक्त करती हूँ जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से सहयोगी रहे
- साध्वी दिव्यगुणाश्री
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