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होता है। यहाँ केतु हो तो जातक मैकेनिकल या इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल हो सकता है।
द्वितीय चरण: यहाँ केतु हो तो जातक अनेक स्त्रियों से संबंधों की चेष्टा करता है। वह जन संपर्क में माहिर होता है।
तृतीय चरणः यहाँ केतु हो तो जातक को अभावग्रस्त जीवन बिताना पड़ सकता है, तथापि वह कृतघ्न नहीं होता। अपनी सहायता करने वालों को सदैव याद रखता है तथा जरूरत पड़ने पर उनकी मदद की भी यथाशक्ति चेष्टा करता है।
चतुर्थ चरणः यहाँ भी केतु की स्थिति अशुभ फल देने वाली मानी गयी है। जातक का जीवन अभावमय होता है फलतः वह जन्मस्थल से कहीं दूर निकल जाने की फिराक में रहता है।
ज्योतिष-कौमुदी : (खंड-1) नक्षत्र-विचार - 63
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