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मघा
मघा नक्षत्र राशिफल में 120.00 अंश से 133.20 अंश के मध्य स्थित है। पर्यायवाची नाम है पितृजनक। अरबी में मघा को 'अल-जवाह' (अर्थात् सिंह का मस्तक) कहते हैं। यह नक्षत्र सिंह राशि का प्रथम नक्षत्र है। मघा का देवता पितर एवं स्वामी केतु को माना गया है। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। ___इस नक्षत्र में पांच तारे माने गये हैं जो एक मकान-जैसी आकृति दर्शाते हैं।
गणः राक्षस, योनिः मूषक एवं नाड़ी: अंत मानी गयी है। चरणाक्षर हैं: मा, मी, मू, मे।
मघा नक्षत्र में जन्मे जातक मध्यम कद, रोमावलि युक्त शरीर तथा निर्दोष भाव-भंगिमा वाले होते हैं। उनकी गरदन अपनी प्रमुखता के कारण ध्यान आकर्षित करती है। ऐसे जातक ईश्वर-भीरु, बड़ों का आदर करने वाले, मृदुभाषी तथा वैज्ञानिक विषयों में पैठ रखने वाले होते हैं। विभिन्न कलाओं में भी उनकी रुचि होती है। अपने शांत स्वभाव, शांतिप्रिय जीवन की ललक और विद्वत्ता के कारण वे विद्वजन द्वारा भी सम्मानित होते हैं।
वे हर कार्य सुविचारित ढंग से योजना बनाकर करते हैं। यद्यपि वे गर्ममिजाज के भी होते हैं तथा सच्चाई के खिलाफ कोई बात, कोई कार्य बर्दाश्त नहीं करते, तथापि वे अपने व्यवहार से भरसक किसी को ठेस नहीं पहुँचाना चाहते। और यदि कभी उन्हें लगता है कि उनके कारण किसी का जी दुखा है तो वे तत्काल क्षमायाचना भी कर लेते हैं। ऐसे जातक निजी स्वार्थ से कोसों दूर, समाज के लिए हरदम कुछ न कुछ उपयोगी, हितकर
ज्योतिष-कौमुदी (खंड-1) नक्षत्र-विचार - 123
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