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श्लोकन्तु लोकोपकृतौ विधातुं यत्राणि वर्षा कलमं च लातुम् । विशारदाऽभ्यारभते विचारिन् भूयो भवन् वार्दल आशुकारी ॥१३॥
जैसे कोई विशारदा (विदुषी) स्त्री लोकोपकार के हेतु श्लोक की रचना करने के लिए पत्र (कागज) मषिपात्र ( दवात ) और कलम के लाने को उद्यत होती है, उसी प्रकार यह विशारदा अर्थात् शरद् ऋतु से रहित वर्षा ऋतु लोकोपकार के लिए मानों श्लोक रचने को वृक्षों के पत्र रूपी कागज, बादल रूपी दवा और धान्य रूप कलम को अपना रही है । पुनः हे विचारशील - मित्र, उक्त कार्य को सम्पन्न करने के लिए यह वार्दल (मेघ) बार-बार शीघ्रता कर रहा है । आशु नाम नाना प्रकार के धान्यों का भी है, सो यह मेघ जल- वर्षा करके धान्यों को शीघ्र उत्पन्न कर रहा है ॥१३॥
एकाकिनीनामधुना वधूनामास्वाद्य मांसानि मृदूनि तासाम् । अस्थीनि निष्ठीवति नीरदोऽसौ किलात्मसाक्षिन् करकप्रकाशात् ॥ १४॥
हे आत्मसाक्षिन् ! यह नीरद ( दन्त - रहित, मेघ) पति - विरह से अकेली रहने वाली उन वधुओं (स्त्रियों) के मृदु मांस को खाकर के अब करक अर्थात् ओले या घड़े गिराने के बहाने से मानों उनकी हड्डियों को उगल रहा है ॥१४॥
भावार्थ वर्षा काल में, पति-विहीन स्त्रियों का जीना कठिन हो जाता है ।
नितम्बिनीनां मृदुपादपद्यैः प्रतारितानीति कुशेशयानि । हिया क्रिया स्वीयशरीरहत्यै तेषां विषप्रायरयादिदानीम् ॥१५॥
इस जीवलोक में नितम्बिनी (स्त्री) जनों के कोमल चरण रूप कमलों से जल में रहने वाले कमल छले गये हैं, इसीलिये मानों इस समय लज्जा से लज्जित होकर उनकी क्रिया जल-वेग के बहाने से मानों अपने शरीर की हत्या के लिए उद्यत हो रही है ॥१५॥
भावार्थ वहां की स्त्रियों के चरण कमलों से भी सुन्दर हैं, पर वर्षा ऋतु में कमल नष्ट हो
जाते हैं । इस बात को लक्ष्य कर उक्त कल्पना की गई है ।
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समुच्छ लच्छीतलशीकराङ्के वायौ वहत्येष महीमहाङ्के । भूयोविधवान्तरङ्ग मुत्तापतप्तं प्रविशत्यनङ्गः
भियेव
॥१६॥
उछलते हुए शीतल जल-कण जिसके मध्य में है, ऐसे पवन के मही- पृष्ठ के ऊपर बहने पर यह अंग-रहित कामदेव शीत के भय से ही मानों पति वियोग के सन्ताप से सन्तप्त विधवाओं के अन्तरंग में प्रवेश कर रहा है ॥ १६ ॥
भावार्थ
वर्षा ऋतु में अत्यन्त शीतल समीर से भयभीत होकर अर्थात् शीत से पीड़ित होकर गर्मी पाने के लिए ही मानों पति वियोगिनी स्त्रियों के सन्तप्त शरीर में कामदेव प्रवेश करता है । इसका अभिप्राय यह है कि वर्षा काल में विधवाओं के शरीर में कामदेव अपना प्रभाव दिखाता है ।
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