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शेख मोहम्मद साबिर जोधपुर वालों ने किया है ।
इस ग्रंथ में मुद्रित 'श्रीमहादेवस्तुत्यष्टकम्' इस नाम से रचने की प्रेरणा करने वाले सिरोही निवासी विधिकारक श्री मनोजकुमार बाबूमलजी हररण ( एम. कॉम. ) हैं ।
इस ग्रन्थ को प्रकाशित करने में पूज्यपाद आचार्य म० सा० के पट्टधर-शिष्यरत्न - सुमधुरभाषी पूज्य उपाध्याय जी महाराज श्री विनोद विजयजी गरिणवर्य के सदुपदेश से तखतगढ़ निवासी संघवी श्रीदेवीचन्दजी श्रीचन्द्रजी ने द्रव्यसहायता प्रदान कर सम्पूर्ण लाभ लिया है ।
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परमपूज्य आचार्य भगवन्त की आज्ञानुसार हमारे प्रेस सम्बन्धी प्रकाशन कार्य में पूर्ण सहकार देने वाले जोधपुर निवासी श्री सुखपालजी भंडारी ने इस ग्रन्थ को शीघ्रतर प्रकाशित करने की प्रेरणा की है और सक्रिय प्रयास किया है । इन सभी का हम हार्दिक आभार मानते हैं ।
अन्त में, वाचक वर्ग तथा अध्यापक प्रस्तुत महादेवस्तोत्रम् के अध्ययन और अध्यापन से अवश्य ही लाभान्वित होंगे तथा देवाधिदेव श्रीवीतराग जिनेश्वर भगवन्त की अनुपम भक्ति से अपनी आत्मा को अवश्यमेव पवित्र करेंगे, ऐसी आशा है ।
म -चार
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