SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १३. श्री पावापुरी समवसरण धर्मशाला में यात्रियों के लिए एक कमरा लिखवाया। १४. अचलगढ़ में यात्रियों तथा ज्ञान शिविर के विद्यार्थियों के लिए एक कमरा लिखवाकर पुण्योपार्जन किया। १५. श्री पावापुरी जीर्णोद्धार में अच्छी रकम प्रदान की। १६. श्री पावापुरी भोजनशाला के मकान में अच्छी रकम अर्पित की। १७. संवत् २०३८ में पू. मुनिराज श्री जितेन्द्र विजयजी म. सा. के गणिपद महोत्सव प्रसंग पर आपने लक्ष्मी का सः व्यय किया तथा २०४१ में अहमदाबाद में मुनिराज श्री गुणरत्न विजयजी म. सा. के गणिपद महोत्सव प्रसंग पर आपने सार्मिक भक्ति एवं भक्तामर महापूजन का लाभ लिया। १८. भरुच में आपने जीर्णोद्धार हेतु अच्छी रकम प्रदान की। १६. वापी जिनालय का परिकर निर्माण करवाने के लिए आपने आदेश लिया। २०. कलकत्ता शहर में मन्दिर-धर्मशाला के नूतन निर्माण में आपने स व्यय करके उत्तम लाभ लिया । २१. कलकत्ता नगर में आत्मसमाधि निमित्त दशाह्निका महोत्सव आयोजित करके दो दिन श्री भक्तामर महापूजन का अत्यन्त समारोहपूर्वक महोत्सव किया । २२. सं. २०४० में तखतगढ़ में मुमुक्षु श्री महेन्द्रकुमार तथा राजेशकुमार का वर्षीदान का वरघोड़ा आपकी ओर से - सोलहFor Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.002760
Book TitleMahadev Stotram
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorSushilmuni
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram Sirohi
Publication Year1985
Total Pages182
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy