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________________ १२५० जयोदय-महाकाव्यम् [९-११ प्रायश्चित्तं चकारैष विनयेन समन्वितम् । स्वाध्यायसहितं धीरः परिणामानुयोगवान् ।।९।। प्रायश्चित्तमित्यादि-परिणामानां निजभावानामनुयोगः सम्यक् प्रेरणा तद्वान् एष धीरो जयकुमारः प्रायः प्रचुरभावेन चित्तं स्वाध्यायसहितं विनयेन नम्रभावेन समन्वितं संयुक्तं चकार कृतवान् ॥९॥ अमानद्धितरवार्थग्रामाय लोकवर्मना । योजनेनाप्यलभ्याय लधनं कृतवान् मुहुः ॥१०॥ अमानवर्धीत्यादि-यः जयकुमारः अमानवैर्देवजनैर्लभ्या या ऋद्धयः सम्पत्तयस्तासां तत्त्वार्थस्य यो ग्रामः समूहः, अथवा तु अमानवर्धीनां तत्त्वानां च जीवादीनां ग्रामः समूहः, पक्षे एतन्नामक जनस्थानं तस्मै जनेन सर्वसाधारणलोकेन अलभ्याय अप्राप्याय यद्वा योजनेनाऽपि चतुःकोशात्मकेन अलभ्याय अतिदूराये इत्यर्थः, मुहुः लङ्घनमनशनं पक्षे विहरणं कृतवान् ॥१०॥ मारवाराभ्यतीतः सन्नथो नोदलताश्रितः । निवृत्तिपथनिष्ठोऽपि वृत्तिसंख्यानवानभूत् ॥११॥ मारवारेत्यादि-अथ पुनः स मारवारेण नाम देशेन अभ्यतीतः सन्नपि उदलता जलयुक्ततां न धित इति विरोध:, तस्मान्मारस्य कामदेवस्य यो वारः समाक्रमणं अर्थ-अपने भावोंकी प्रेरणासे सहित धीरवीर जयकुमार प्रायश्चित्त और विनयसे सहित स्वाध्यायको करते थे अथवा अपने चित्तको अत्यधिक मात्रामें स्वाध्याय-आत्मचिन्तन और विनयसे युक्त करते थे ॥९॥ ___अर्थ-जयकुमार मुनिने गणधरादि देवजनोंके द्वारा प्राप्त करने योग्य ऋद्धियों-सम्पत्तियोंकी यथार्थताके समूहको अथवा गणधरादि देवजनोंके द्वारा प्राप्त करने योग्य ऋद्धियों और जीवादि तत्त्वोंके उस समूहके लिये जो कि लौकिक मार्गसे साधारण जनोंके द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता, बहुत बार उपवास किये थे । अथवा उस स्थानविशेषको जो कि योजनके द्वारा भी-एक योजन भी चलकर प्राप्त नहीं किया जा सकता, प्राप्त करनेके लिये लवन-विहार किया था ॥१०॥ ___ अर्थ-तदनन्तर जयकुमार मुनि मारवाराभ्यतीतः-मारवाड़ देव अतिक्रान्त होने पर भी उदलतां-जलयुक्त प्रदेशताको प्राप्त नहीं हुए थे (परिहार पक्षमें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002757
Book TitleJayodaya Mahakavya Uttararnsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuramal Shastri
PublisherDigambar Jain Samiti evam Sakal Digambar Jain Samaj
Publication Year1994
Total Pages690
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size15 MB
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