________________
१६
पट्टावली-पराग
-
१६५२ में हुअा था, के शिष्य कलाजो ने भी संवेग. मार्ग स्वीकार किया था जो विजयानन्दसूरि के
नाम से प्रसिद्ध हुए थे। ११. यशवन्त ऋषि १२. रुपसिंहजी, १३. दामोदरजो, १४, कर्मसिंहजी, १५. केशवजो , गुजराती लौकागच्छ के बड़े पक्ष का दूसरा
नाम "केशवजी पक्ष" भी है। १६. तेजसिंहजो , १७. कानजी , १८. तुलसीदासजी, १६. जगरूपजी २०. जगजीवनजी, २१. मेघराजगी , २२. सोमचन्दजी , २३. हरकचन्दजी, २४. जयचंदजी , २५. कल्याणचन्दजी, २६. खूबचन्दजी । २७. श्रीपूज्य न्यायचन्द्रसरि
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org