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धर्मरसायन
णिरए सहावदुक्खं णीसरिउ सो तत्थ णीसरिऊण वराओ
च्छइ थावरजीवं
रयाणं तन्हा तारसिया
तं णत्थि जंण
तत्ताइं भूसणाइं चित्ते
तत्थ वि पडंति
तत्थ वि पव्वयसिहरे
तत्थ वि पावइ दुक्खं
तत्थुप्पण्णं संतं
तम्हा हु सव्वधम्मा
तस्स चडावंतिपुणो ता पुणो विज्झइ
ताडणतासणदुक्खं
तारिसिया होइ छुहा तिलोयसव्वसरणं
तेत्तियमेत्तो लोहो तेसिं भण पुणो धावंतो
तेसिं होंति समवे
गुण अण्णदेवे
दणय उप्पत्तिं
दंडंति एक्कपव्वं
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