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जस्स रडतस्स पुणो
जासो परमसुही
जियकोहो जियमाणो
जे परिमाणविरहिया
जेसुद्धवीरपुरिसा
जो अप्पणो सरीरे
जो एरिसियं धम्मं
जो जिणवरिंदपू
जो तिक्खदाढभीसण
जो दइ
गा
जो धम्मंण करतो
जो वहइ सिरे गंगा
डं भिज्जइ जत्थ जणो ड हिऊणय कम्मवणं
मिऊण देवदेवं
वजोवणं पि पत्तो
वि अत्थि माणुसणं
ण समत्थो रक्खेउ
पाऊण एव सव्वं
णाऊण णिरवसेसं
णाऊण देवलोयं
णारइयाणं वेरं
णिभूसणो वि सोहइ
णिये जणणीए पेट्टं
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धर्मरसायन
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