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________________ शब्द कतिपय क्लिष्ट एवं श्लिष्ट शब्दों का अर्थ अर्थ अर्थ (अ) (आ) शब्द अक अकन्दता अकाण अक्ष अङ्गभू अङ्गेरुह अघ्रि दुःख, पाप दुखदता सुद्दष्टिवाला इन्द्रिय प्राणी आखु आगस् आदर्श आनक आरात् आराम आशा आशीविष आश आस्य मूषक, चूहा अपराध दर्पण नगाड़ा समीप, दूर उपवन दिशा विषला सांप शीघ्र मुख बाल, केश चरण चिह्न माग अमूल्यता निरामिष अविवाहिता एकान्त रहित वृक्ष कूप व्याज बदनामी कटाक्ष इन्दिरा संकेत, अभिप्राय लक्ष्मी चन्द्रमा इला पृथ्वी विनाश अध्वा अनर्घता अनामिष अनूढा अनेकान्त अनोकह अन्धु पदेश अपवादिता अपाङ्ग अपाय अब्ज अभिजात अभिषव अभिसारक अमा अम्बुवाह अयुतनेत्री अर अर्क अबाय अवतंस अलि अवि असि अहन् अहिमा कमल उच्च कुलीन अभिषेक अतिरमणशील अमावस्या मेघ सहस्राक्ष, इन्द्र शीघ्र आकड़ा निश्चय आभूषण उत्कर उत्तमाङ्ग उत्तरीय उत्तल, उत्तर उदञ्च उदन्वान् उदर्क उपकण्ठ उपासक उपोषित राशि, समूह शिर दुपट्टा सुन्दर सिंचन समुद्र परिणाम समीप श्रावक उपासा भौंरा एकान्त एनस् ऐन्द्री (ए) एक धर्म युक्त पाप, दोष पूर्व दिशा बिलाव भेड़ तलवार ओतु दिन सर्प का प्रभाव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002749
Book TitleSudarshanodaya Mahakavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuramal Shastri, Hiralal Shastri
PublisherDigambar Jain Samiti evam Sakal Digambar Jain Samaj
Publication Year1994
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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