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________________ सुविशाल गच्छाधिपति साहित्य मनीषी राष्ट्रसंत आचार्य श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. द्वारा रचित ज्ञानवर्धक साहित्य 1.जीवन ऐसा हो, 2. कर्म प्रकृति 3. नरक द्वार-रात्रि भोजन 4. जीवन धन 5. आध्यात्मिक विकास की पूर्णता एवं भूमिकाएं 6. मिला प्रकाशः खिला बसंत 7. मनवा पल पल बीती जाय 8. अरिहंते शरणं पवजामि 9. जीवन साधना, जीवन सौरम 10. नवकार आराधना 11. नमो मन से नमो तन से 12. राजेन्द्र कोश में अ 13. जयन्त प्रवचन सरिता, 14.जयन्त प्रवचन निधि 15. जयन्त प्रवचन परिमल, 16. जयन्त प्रवचन वाटिका 17. नवकार करे भवपार 18. कर्म सिद्धांत एक अनुशीलन 19. शीलत्व की सौरभ 20. मैं जानता हूँ 21. इसमें क्या शक है? 22. अनोखी सलाह 23. किस्मत की बात 24. भाग्योदय 25.स्वर्ण प्रभा 26. आत्म दर्पण 27. पारसमणि 28. जीवन मंत्र 29. चिंतन निधि 30. अप्पो दीवो भव 31. जगमग ज्योति 32. मानस मोती 33. जैन आगम साहित्य : एक अनुशीलन 34. पानसर तीर्थ 35. भगवान महावीर ने क्या कहा ? 36. गुरुदेव 37. परमयोगी परम ज्ञानी 38. परम योगी श्रीमद् राजेन्द्र सूरि 39. चिर प्रवासी (मुक्तक) 40. जयन्तसेन सतसई, आदि आदि। इनके अतिरिक्त पूजा साहित्य, सम्पादित साहित्य और प्रेरणा से प्रकाशित साहित्य। प्राप्ति स्थान श्री राज राजेन्द्र तीर्थ दर्शन ट्रस्ट, जयन्त सेन, म्युजियम श्री मोहनखेड़ा तीर्थ, राजगढ़, जिला धार (म.प्र.) Jai Education Hernational मुद्रक : आकृति आपसेट, उज्जैन फोन : 0734-2561720, 98276-97780, 98472-42489
SR No.002747
Book TitleYashovijayji ka Adhyatmavada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPreetidarshanashreeji
PublisherRajendrasuri Jain Granthmala
Publication Year2009
Total Pages460
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size19 MB
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