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________________ उपाध्याय यशोविजयजी का अध्यात्मवाद / २१७ उ. यशोविजयजी कहते हैं- “स्याद्वाद का आश्रय लेकर मोक्ष का उद्देश्य समान होने की अपेक्षा से सभी दर्शनों में जो साधक समानता को देखता है, वही शास्त्र का ज्ञाता है । ३७४ आचार्य हेमचन्द्र ने महादेवस्तोत्र में कहा है- “संसार के बीज को अंकुरित करने वाले राग और द्वेष- ये दोनों जिसके समाप्त हो चुके हैं, उसका नाम चाहे ब्रह्मा हो, विष्णु हो, महादेव हो, या जिन हो; उन सबको मेरा नमस्कार है । ' ३७५ ये बातें अनेकान्त के आलोक में ही कही जा सकती है। सत्य का प्रकाश केवल अनाग्रही को ही प्राप्त हो सकता है। आ. हरिभद्रसूरि के जीवन में भी अनेकान्त फलित था। उन्होंने लोकतत्त्वनिर्णय ग्रंथ में कहा है- " जिसमें सभी दोष नहीं रहते, अर्थात् जिसके सभी दोष नष्ट हो गए हैं और जिसमें सभी गुण ही निवास करते हैं, चाहै, वह ब्रह्मा हो, विष्णु हो, महादेव हो, या जिनेश्वर हो; उन्हें मेरा नमस्कार है । ' ८८३७६ उन्होंने कहा महावीर के प्रति मेरा पक्षपात नहीं है और सांख्यमत के प्रवर्तक कपिलऋषि के प्रति मेरा द्वेष नहीं हैं। महावीर मेरे मित्र नहीं है। कपिल मेरे शत्रु नहीं है। जिनका वचन युक्तिसंगत है, वही मुझे मान्य है । जिसके हृदय में स्याद्वाद का प्रकाश है, वह साधक गुणग्राही होने के कारण नाममात्र के भेद से कदाग्रह नहीं करता है। अध्यात्मगीता में कहा गया है“परस्पर विरुद्ध ऐसे असंख्य धर्मदर्शन हैं, जो स्याद्वादी के हाथ में जाकर पक्षपातो न मे वीरो, न द्वेषः, कपिलादिषु । युक्तिमद्वचनं यस्य तस्य कार्यः परिग्रहः । । ३७४. तेन स्याद्वादमालम्ब्य सर्वदर्शनतुल्यताम् ३७५ ३७६ मोक्षोदेशाविशेषेण, यः पश्यति स शास्त्रवित् - अध्यात्मोपनिषद् - उ. यशोविजयजी भवबीजांकुरजनना रागाद्याः क्षयमुपागता यस्य ब्रह्म वा विष्णुर्वा, हदो जिनो वा नमस्तस्मै । । ३३ ।। - महादेवस्तोत्र - आ. हेमचन्द्र भवबीजाक्डरजनना रागाद्याः क्षयमुपागता यस्य । ब्रह्मा वा विष्णुर्वा महेश्वरो वा नमस्तस्मै ।। ३३ । । लोकतत्त्वनिर्णय - हरिभद्रसूरि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002747
Book TitleYashovijayji ka Adhyatmavada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPreetidarshanashreeji
PublisherRajendrasuri Jain Granthmala
Publication Year2009
Total Pages460
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size19 MB
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